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Kharmas in December 2021: आज से शुरू हुआ खरमास.....  मांगलिक कार्यों पर लगी रोक..... जानें कब तक है मनाही 

Kharmas/ Malmas in December 2021: शास्त्रों के अनुसार इस दौरान चावल, गेहूं, सफेद धान, तिल, जौ, ककड़ी, मटर, पीपल, मंचावल, मूंग, शहतूत, सौंठ, आंवला, सुपारी, सेंधा नमक आदि का सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है. साथ ही खरमास में  विवाह, सगाई, गृह निर्माण, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्यों की शुरुआत करने से बचना चाहिए.

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हाइलाइट्स
  • नहीं होते मांगलिक कार्य 

  • खरमास के समय सूर्य के घोड़े करते हैं आराम 

Kharmas 2021: यूं तो कोई भी शुभ कार्य शुरू करने से पहले हम ज्योतिष की सलाह लेते हैं, लेकिन क्या आपको पता है एक ऐसा महीना भी है जिसके दौरान कोई भी शुभ कार्य करने से बुरे फल की प्राप्ति होती है. आज सुबह 3 बजकर 42 मिनट से खरमास का महीना शुरू हो गया है. जहां खरमास (Kharmas) के दौरान कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही होती है, वहीं इस दौरान सूर्य देव की पूजा करना पुण्यदायी होता है. ज्योतिष के अनुसार  सूर्यदेव के वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करते ही यह माह आरंभ हो जाता है. आज शुरू हुआ खरमास अगले साल 14 जनवरी को दोपहर 2 बजकर 30 मिनट पर खत्म होगा. लगभग एक महीने के लिए सूर्यदेव धनु राशि में ही गोचर करते रहेंगे. 

नहीं होते मांगलिक कार्य 

दरअसल धनु या मीन राशि में प्रवेश करने के बाद सूर्यदेव जब तक वहां रहते हैं, उस अवधि को खरमास कहा जाता है. इस तरह खरमास एक साल में दो बार आता है. शास्त्रों के अनुसार इस दौरान चावल, गेहूं, सफेद धान, तिल, जौ, ककड़ी, मटर, पीपल, मंचावल, मूंग, शहतूत, सौंठ, आंवला, सुपारी, सेंधा नमक आदि का सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है. साथ ही खरमास में  विवाह, सगाई, गृह निर्माण, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्यों की शुरुआत करने से बचना चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि इससे शुभ फल नहीं मिलता है.

खरमास के समय सूर्य के घोड़े करते हैं आराम 

हिन्दू मान्यता के अनुसार, सूर्यदेव अपने सात घोड़ों वाले रथ पर सवार होकर ब्रह्माण्ड का भ्रमण करते हैं और इसी वजह से दुनिया गतिमान रहती है. माना जाता है कि जब घोड़ों को प्यास लगी तो सूर्यदेव उन्हें पानी पिलाने के लिए एक तालाब के पास रूकते हैं. लेकिन उन्हें ध्यान आता है कि उनके रुक जाने से सृष्टि रुक जाएगी तभी उन्हें तालाब के पास दो गधे दिखाई देते हैं और सूर्यदेव उन गधों को अपने रथ में जोड़ देते हैं. इस कारण सूर्य की गति धीमी हो जाती है. इसी बीच घोड़े को भी आराम मिल जाता है और फिर सूर्य देव रथ से घोड़े को वापस जोड़ देते हैं. ऐसा माना जाता है कि हर साल खरमास के समय सूर्य के घोड़े आराम करते हैं.