दशहरे के दिन ही भगवान राम ने रावण पर विजय प्राप्त की थी. इसी दिन नवरात्रि की समाप्ति भी होती है और इसी दिन देवी की प्रतिमा का विसर्जन भी होता है. इस दिन अस्त्र शस्त्रों की पूजा की जाती है और विजय पर्व मनाया जाता है. इस दिन अगर कुछ विशेष प्रयोग किये जाएं तो अपार धन की प्राप्ति हो सकती है. इस बार दशहरे का पर्व 5 अक्टूबर को है.
इस दिन किसकी पूजा करनी चाहिए और उससे क्या लाभ हैं ?
इस दिन महिषासुर मर्दिनी माँ दुर्गा और भगवान राम की पूजा करनी चाहिए.
इससे सम्पूर्ण बाधाओं का नाश होगा और जीवन में विजय श्री प्राप्त होगी.
आज अस्त्र-शस्त्र की पूजा करने से उस अस्त्र शस्त्र से नुकसान नहीं होता.
आज के दिन मां की पूजा करके आप किसी भी नए कार्य की शुरुआत कर सकते हैं.
नवग्रहों को नियंत्रित करने के लिए भी दशहरे की पूजा अदभुत होती है.
कैसे करें नवरात्रि की पूजा का समापन, कैसे मनाये दशहरा ?
दोपहर बाद पहले देवी की फिर श्रीराम की पूजा करें.
देवी और श्री राम के मन्त्रों का जाप करें.
अगर कलश की स्थापना की है , तो नारियल हटा लें , उसको प्रसाद रूप में ग्रहण करें.
कलश का जल पूरे घर में छिड़क दें, ताकि घर की नकारात्मकता समाप्त हो.
जिस स्थान पर पूरी नवरात्रि पूजा की है , उस स्थान पर रात्रि भर दीपक जलाएं.
अगर आप शस्त्र पूजा करना चाहते हैं तो शस्त्र पर तिलक लगाकर रक्षा सूत्र बांधें.
दशहरे पर कौन-कौन से छोटे-छोटे उपाय करें ?
देवी को अर्पित किया नारियल एक बार में तोड़ दें, इसे प्रसाद रूप में ग्रहण करें. देवी को अर्पित की गयी चुनरी में सिक्के बांधकर पूजा स्थान पर रखें. पूजा स्थान पर एक घी का दीपक रात्रि भर जलाएं. घर के मुख्य द्वार पर एक शमी का पौधा लगाएं. अगर पौधा है तो, उसकी पूजा करें, दीपक जलाएं. एक इमली की टहनी लाकर उसकी पूजा करें, उसे घर में रखें. सुहागन स्त्रियों को श्रृंगार की सामग्री भेंट करें. संध्याकाल में राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें. अगर रावण दहन देखने गए हैं तो घर आकर स्नान करें. दशहरे के दिन किसी निर्धन व्यक्ति को मीठी चीज़ का दान करें.
ज्योतिष के अनुसार अगर पूरे साल आप घर में धन का अभाव नहीं चाहते हैं तो दशहरे के दिन एक शमी का पौधा जरूर ले आएं. इसको घर के मुख्य द्वार पर बायीं तरफ लगायें. नियमित रूप से इसमें जल डालें और इसकी देखभाल करें. हर सोमवार को इसके थोड़े से पत्ते शिवलिंग पर अर्पित करते रहें.
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