
नकारात्मक विचार और कर्म हमारे अंदर की ही भावनाएं हैं, जो हमें और दूसरों को नुकसान पहुंचाती है. लेकिन इससे पहले ये जानना जरूरी है कि नकारात्मक कर्म क्या होते और उसके प्रभाव क्या होते हैं.
नकारात्मक कर्म
इस प्रकार की गलतियां हो गयी हैं तो क्या उपाय करें?
अपने से छोटे लोग और बच्चे शनि ग्रह से संबंध रखते हैं. अपने से नीचे दर्जे के लोगों ख़ास तौर से बच्चों का शोषण करने और उन्हें मारने पीटने से शनि कमजोर होता है. ऐसा करने से जीवन में संघर्ष बढ़ जाता है और जीवन में कदम-कदम पर धन के लिए प्रयास करना पड़ता है. हड्डियों तथा स्नायु तंत्र की समस्या हो सकती है.
जीवन साथी और उसके साथ व्यवहार का संबंध सीधा शुक्र से है. अगर पत्नी के साथ शारीरिक हिंसा की जाय या अपशब्दों का प्रयोग किया जाय तो इससे शुक्र कमजोर होता है. जीवन में सुख की कमी हो जाती है और व्यक्ति को चैन नहीं मिलता. व्यक्ति सुविधाएँ तो जुटा सकता है पर सुख नहीं पा सकता. आँखों तथा मधुमेह की समस्या हो सकती है.
माता का सम्बन्ध चन्द्रमा से और पिता का सम्बन्ध सूर्य से होता है. ये दोनों ग्रह व्यक्ति का सम्पूर्ण जीवन नियंत्रित करते हैं. अतः माता पिता के साथ दुर्व्यवहार करने से सम्पूर्ण भाग्य में अवरोध आ सकता है. व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक समस्याएँ खूब परेशान करती हैं. व्यक्ति का भाग्य कितना भी अच्छा क्यों न हो, कभी भी काम नहीं कर सकता.
भाई, मित्र या दोस्त का मामला मंगल से सम्बन्ध रखता है. अगर भाई या दोस्त के साथ दुर्व्यवहार किया जाय या कपट किया जाय तो मंगल कमजोर हो जाता है. व्यक्ति को भूमि और भवन का सुख मिलने में समस्या आती है.कभी-कभी व्यक्ति को दुर्घटना या कारावास का सामना कर पड़ सकता है. व्यक्ति को रक्त सम्बन्धी समस्याएँ हो सकती हैं.
जिस व्यक्ति के प्रति ये अपराध किया है, उससे क्षमा याचना करें.
नित्य प्रातः अपने माता-पिता और बड़ों के चरण छूकर दिन की शुरुआत करें.
प्रातः काल ही गजेन्द्र मोक्ष का पाठ करें.
ढेर सारे फल और फूलों के पौधे लगायें.