गोविंदा आला रे आला, जरा मटकी संभल ब्रिजबाला...! ये गाना कानों में पड़ते ही हमारी आंखों के सामने अपने आप दही हांडी फेस्टिवल की धूम आ जाती है. महाराष्ट्र और कई अन्य शहरों में दही-हांडी का आयोजन खासतौर पर जन्माष्टमी के मौके पर किया जाता है. पिछले दो साल कोरोना की वजह से भीड़ भड़ाके वाले त्योहार थोड़ा शांत रहे लेकिन अब एक बार इस साल फिर से महाराष्ट्र की सड़कों पर इसकी गूंज है. दही हांडी बहुत धूमधाम से वापस आ गया है. आपको बता दें कि जगह-जगह दही हांडी का आयोजन किया जाता है. कई लोग इसे सोसाइटी में भी कराते हैं और बाहर से गोविंदाओं को बुलाते हैं. इसके लिए एक पुरस्कार राशि भी रखी जाती है और आज हम इसी पर बात करेंगे. पिछले कुछ सालों के मुकाबले इस साल राशि में कितना इजाफा हुआ है और कौन इसे तय करता है आदि.
क्या होता है दही हांडी?
'दही हांडी' कार्यक्रम को भगवान कृष्ण के जन्म का जश्न मनाने के लिए आयोजित किए जाते हैं. इसके लिए धरती से बहुत ही ऊंचाई पर एक मटकी टांगी जाती है जिसमें दही भरा होता है.
'गोविंदाओं' का एक समूह हवा में लटकते हुए उस दही से भरे मिट्टी के बर्तन को तोड़ने के लिए एक मानव पिरामिड बनाते हैं. महाराष्ट्र सरकार ने भी जन्माष्टमी 2022 को बड़े उत्साह के साथ मनाने के लिए सभी COVID-प्रेरित प्रतिबंधों को हटा दिया है.
'गोविंदा' के लिए खेल कोटा के तहत सरकारी नौकरियां
इसके अलावा 'दही हांडी' को साहसिक खेल का दर्जा देने का भी निर्णय लिया गया है. अब एडवेंचर स्पोर्ट टैग युवा प्रतिभागियों (जिन्हें गोविंदा कहा जाता है) को दही हांडी कार्यक्रमों में भगवान कृष्ण के जन्म का जश्न मनाने के लिए खेल कोटा के तहत सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने की अनुमति देगा. मानव पिरामिड के निर्माण के दौरान खिलाड़ियों के साथ हुई घटना या फिर चोट लगने के मामले में प्रतिभागियों या उनके परिवारों को मुआवजा प्रदान किया जाएगा.
कौन होता है शामिल?
कार्यक्रम के आयोजकों में ज्यादातर राजनीतिक दल शामिल होते हैं. इसके लिए पुरस्कार राशि 1.11 लाख रुपये से लेकर 55 लाख रुपये के बीच होती है.
मिल सकता है स्पेन जाने का मौका
क्या हैं इंतजाम?
दही हांडी उत्सव अच्छे से हो जाए इसके लिए मुंबई पुलिस ने कई इंतजाम किए हैं. सुरक्षा रस्सियों की व्यवस्था के साथ डॉक्टरों की एक टीम को स्टैंडबाय में रखा गया है. किसी भी घटना की स्थिति में अस्पतालों में बिस्तर आरक्षित रहेंगे.