मध्य-प्रदेश के खरगोन में करीब 200 किलोमीटर दूर से ट्राले पर लाई गई 17 फीट की ऊंची मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा आकर्षण का केंद्र है. माता की ये प्रतिमा तीन दिन में बुरहानपुर से खरगोन पहुंची. इसके अलावा जिस पंडाल में माता की मूर्ति को रखा गया है उसे 15 हजार स्क्वायर फीट में सजाया गया है. 41 फीट ऊंचे भव्य शीशमहल दरबार में महारानी रूप में विराजी मां दुर्गा की प्रतिमा वाकई देखने योग्य है. रास्ते भर गरबा करते हुए महिलाओं ने माता की अगवानी की. महीनों की मेहनत के बाद कलाकारों ने महारानी की खूबसूरत मूर्ति तैयार की है. प्रदेश का सबसे ऊंचा शीश महल खरगोन में है.
लाने में लगे 25 से 30 लोग
इस आकर्षक प्रतिमा को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. दुर्गा प्रतिमा बुरहानपुर के कलाकारों को 2 माह पूर्व ऑर्डर देकर हाथ से तैयार कराई गई है. आकर्षक और विशाल प्रतिमा एमपीईबी के इंजीनियर नितिन मालवीय ने माता की प्रतिमा लाने के लिए स्वयं विशाल ट्राला तैयार कराया. इसके अलावा करीब 25 से 30 युवाओं को माता की मूर्ति लाने का कार्य सौंपा गया. बुरहानपुर से खरगोन लाने के लिए करीब 25 युवाओं ने खासी मशक्कत की. माता की प्रतिमा का नगर में प्रवेश होते ही महिलाओं और युवतियों ने जमकर गरबा नृत्य किया और करीब 5 किलोमीटर तक गरबा नृत्य करते हुए माता की अगवानी की. ज्योतिनगर में लगातार सातवां नवदुर्गा महोत्सव भव्यता के साथ मनाने की तैयारियां की गई हैं. 26 सितंबर को माता की 17 फिट ऊंची महारानी स्वरुप प्रतिमा 41फीट ऊंचे भव्य शीशमहल मे विराजित हुई.
प्रतिमा को समिति सदस्यों ने नगर पहुंचने पर ढोल-ताशों के साथ नगर भ्रमण कराया, इसके बाद प्रतिमा पांडाल पहुंची. इसके अलावा प्रतिभावान बालिका खिलाड़ियों ओर विद्यार्थियों को भी सम्मानित कर बेटियों के सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया जाएगा.
(खरगोन से उमेश रेवलिया की रिपोर्ट)