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Magh Mela 2022: प्रयागराज में आज से शुरू हुआ आस्था का पवित्र मेला....सुरक्षा के कड़े प्रबंध....लानी होगी आरटीपीसीआर रिपोर्ट

Magh Mela 2022: भक्तों को भी सुरक्षा के लिहाज से सतर्कता और सावधानी बरतने को  कहा गया है. श्रद्धालुओं को 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर रिपोर्ट लेकर आनी होगी. इसके साथ ही, अगर किसी  श्रद्धालु के पास रिपोर्ट नहीं है तो उनके लिए वहीं पर जांच की सुविधा भी है. सभी की कोशिश यही है कि यह मेला हर बार की तरह इस बार भी बिना किसी बाधा के आयोजित हो सके.

6 किलोमीटर के दायरे में 24 अलग-अलग घाट बनाए गए हैं. 6 किलोमीटर के दायरे में 24 अलग-अलग घाट बनाए गए हैं.
हाइलाइट्स
  • लानी होगी 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर रिपोर्ट

  • सुरक्षा की है कड़ी व्यवस्था 

Magh Mela 2022: आज से त्रिवेणी संगम में लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का जमघट लगने वाला है. दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक जमघट, माघ मेले की आज से शुरुआत हो जाएगी. प्रशासन का दावा है कि मेला स्नान पर्व से पहले की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. इस क्षेत्र के 6 किलोमीटर के दायरे में 24 अलग-अलग घाट बनाए गए हैं. सुरक्षा के मद्देनज़र स्नान घाटों पर डीप वाटर बैरिकेडिंग की व्यवस्था है. इन घाटों पर जल पुलिस,एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें  भी तैनात है. 

लानी होगी 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर रिपोर्ट

यहां कोविड के गाइडलाइंस का पूरा ख्याल रखा जा रहा है. एसपी मेला राजीव नारायण मिश्रा ने बताया कि सुरक्षा के लिहाज से सारे सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. भक्तों को भी सुरक्षा के लिहाज से सतर्कता और सावधानी बरतने को  कहा गया है. श्रद्धालुओं को 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर रिपोर्ट लेकर आनी होगी. इसके साथ ही, अगर किसी  श्रद्धालु के पास रिपोर्ट नहीं है तो उनके लिए वहीं पर जांच की सुविधा भी है. सभी की कोशिश यही है कि यह मेला हर बार की तरह इस बार भी बिना किसी बाधा के आयोजित हो सके. इसके लिए प्रशासन पूरा प्रयास कर रहा है.

सुरक्षा की है कड़ी व्यवस्था 

घाटों पर भीड़ न हो इसके लिए पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम के जरिए भी लोगों को जागरूक किया जाएगा. वहीं, माघ मेले के पहले दिन यानी मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा है. घाटों के इलाके में 13 अस्थायी पुलिस थाने, 26 अस्थायी पुलिस चौकी और 13 अस्थायी फायर स्टेशन बनाए गए हैं. वहीं, इस माघ मेले में लगभग चार हजार पुलिसकर्मियों को भी तैनात किया गया है. महिला पुलिसकर्मियों को सिविल ड्रेस में तैनात किया गया है. सिविल पुलिस, सीआरपीएफ, आरएएफ, पीएसी, और एटीएस के कमांडोज की भी तैनाती की गई है. सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन कैमरे की मदद घाटों की निगरानी की जाएगी.