फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि (Maha Shivratri 2023) का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन भक्त भोलेनाथ की पूजा और व्रत करते हैं. मंदिरों में जलाभिषेक का कार्यक्रम दिन भर चलता है. मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था. एक और कथा यह भी है कि महाशिवरात्रि के दिन ही शिवलिंग विभिन्न 64 जगहों पर प्रकट हुए थे.
साल के सबसे शुभ दिनों में से एक
महाशिवरात्रि को कश्मीर में हेराथ नाम से भी जाना जाता है. कश्मीरियों के लिए हेराथ एक वार्षिक उत्सव है. भगवान शिव में आस्था रखने वालों के लिए सबसे शुभ दिनों में से एक है. हेराथ शब्द संस्कृत के शब्द 'हररात्रि' से लिया गया है, जिसका अर्थ है 'हर की रात'. ये भगवान शिव का दूसरा नाम भी है. कश्मीरी पंडित इस त्योहार को बहुत उत्साह के साथ मनाते हैं और यह त्योहार ज्यादातर घरों और मंदिरों में मनाया जाता है. इस दिन लोग भगवान शिव की पूजा करते हैं और पूरे जम्मू-कश्मीर में मंदिरों को सजाया जाता है.
कश्मीरी व्यंजन पकाते हैं लोग
लोग त्योहार को खास बनाने के लिए पारंपरिक कश्मीरी व्यंजन जैसे मछली और मटन भी पकाते हैं. महा शिवरात्रि के दिन बारिश या बर्फ गिरना शुभ माना जाता है. कश्मीर के अलग देश के दूसरे राज्यों में महाशिवरात्रि एक ऐसे दिन के रूप में मनाई जाती है जब लोग भगवान शिव की पूजा करते हैं और उपवास तोड़ने पर शाकाहारी खाना खाते हैं.
3 दिनों तक मनाई जाती है महाशिवरात्रि
कश्मीरी पंडित महाशिवरात्रि के त्योहार को 3 दिनों तक मनाते हैं. महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर शुरू हुई पूजा रात भर होती है. कश्मीर घाटी में महाशिवरात्रि के एक दिन बाद सलाम परंपरा मनाई जाती है. इस दिन मुस्लिम समाज के लोग कश्मीरी पंडितों के घर पहुंचकर मुबारकबाद देते हैं और उनके यहां खाना खाते हैं.
कब है महाशिवरात्रि
हिंदू पंचांग के अनुसार, महाशिवरात्रि का त्योहार शनिवार, 18 फरवरी को रात 8 बजकर 03 पर प्रारंभ होगा और इसका समापन रविवार, 19 फरवरी को शाम 04 बजकर 19 मिनट पर होगा. चूंकि महाशिवरात्रि की पूजा निशिता काल में की जाती है, इसलिए यह त्योहार 18 फरवरी को ही मनाया जाएगा.