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Mahakumbh 2025: कुंभ बन रहा छात्रों के लिए सीखने की जगह, संस्कृत विद्यालय के बच्चे यहां से सीख रहे धार्मिक गुण

इन सभी छात्रों को हर दिन ये सिखाया जाता है कि बड़ों के साथ, साधु संतों से साथ इन्हें किस तरह बात करनी है और कैसा व्यवहार करना है. साथ ही किस मंत्र का किस तरह उपयोग करना है. कर्मकांड ,पूजा की विधि, सभी का सम्मान किस तरह किया जाता है. सभी चीज की जानकारी प्रैक्टिकल के तौर पर कुंभ मेला में दी जा रही है. 

 बच्चे सीख रहे धार्मिक गुण बच्चे सीख रहे धार्मिक गुण
हाइलाइट्स
  • कई छात्र आए हैं कुंभ 

  • बच्चे सीख रहे धार्मिक गुण

बच्चा अपनी ज्यादातर पढ़ाई स्कूल में ही करता है. लेकिन जब आप अपने बच्चों के साथ कहीं बाहर जाते हैं तो आपके बच्चे की वो पढ़ाई कहीं न कहीं उतने दिनों के लिए छूट जाती है. लेकिन संगम की रेती पर लगा कुंभ बच्चों की पढ़ाई के लिए सीखने की जगह बन गया है. यहां से बच्चे अपनी प्रैक्टिकल पढ़ाई कर रहे हैं. 

कई छात्र आए हैं कुंभ 
आचार्य आशुतोष द्विवेदी के साथ तकरीबन 448 छात्र कुंभ आए हैं. बनारस से आए इन छात्रों को बटुक कहा जाता है, ये श्री अन्नपूर्णा मठ मंदिर के हैं. बनारस के इस विद्यालय में मुख्यतः व्याकरण साहित्य, वेदांत मीमांसा ज्योतिष के साथ सभी संस्कृत विषयों की पढ़ाई करवाई जाती है. उसके साथ-साथ कंप्यूटर, सामाजिक विज्ञान, इतिहास, भूगोल, नागरिक शास्त्र की भी पढ़ाई यहां होती है. अब इसी स्कूल के बच्चे कुंभ में आए हैं. इनका मकसद पढ़ाई गई चीजों को प्रैक्टिकल तौर पर समझना है. 

छात्र सीख रहे बहुत कुछ 
इन सभी छात्रों को हर दिन ये सिखाया जाता है कि बड़ों के साथ, साधु संतों से साथ इन्हें किस तरह बात करनी है और कैसा व्यवहार करना है. साथ ही किस मंत्र का किस तरह उपयोग करना है. कर्मकांड ,पूजा की विधि, सभी का सम्मान किस तरह किया जाता है. सभी चीज की जानकारी प्रैक्टिकल के तौर पर कुंभ मेला में दी जा रही है. 

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ये सभी बटुक यानी छात्र बनारस के विद्यालय के हैं. इस विद्यालय में तकरीबन 1500 बटुक यानी छात्र पढ़ते हैं. जिसमें से तकरीबन 448 बटुक कुंभ मेला में प्रैक्टिकल के लिए आए हैं. 

ये सभी छात्र विद्यालय में पढ़ाई गई चीजों को प्रैक्टिकल के तौर पर सीखेंगे. ये सभी बटुक यज्ञ की विधि से लेकर यज्ञ शाला का निर्माण तक सबकुछ सीखने वाले हैं. इसके अलावा भगवान की किस तरह पूजा की जाती है, पाठ की विधि और किस तरह उनका निर्माण किया जाता है, सबकुछ प्रैक्टिकल के तौर पर सीख रहे हैं. 

(आनंद राज की रिपोर्ट)