
महामंडलेश्वर कैलाशानंद की शिष्या हर्षा रिछारिया सोशल मीडिया पर हो रही ट्रोलिंग से परेशान हो गई हैं. कुछ दिन पहले महाकुंभ में वो बड़े भक्ति भाव के साथ आईं थी लेकिन आज वो उसी महाकुंभ से विदा लेने की बातें कर रही हैं. ट्रोलिंग से परेशान हर्षा की आंखें नम हैं. सोशल मीडिया पर भी उन्हें साध्वी के साथ मॉडल बताकर भी ट्रोल किया जा रहा है. लोग उनकी प्रोफाइल खंगाल रहे हैं और उनकी पिछली जिदंगी को उनके आध्यात्मिक संसार से जोड़कर तमाम बातें कर रहे हैं. कुछ लोगों को हर्षा के भगवा पहनने से भी आपत्ति है.
हर्षा ने संन्यास नहीं लिया
दरअसल हर्षा पहली बार तब चर्चा में आई थीं जब उन्हें लोगों ने महामंडलेश्वर के शाही रथ पर देखा था, जिसे लेकर अब खासा विवाद छिड़ गया. काली सेना के प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप ने सवाल उठाए हैं और बात बढ़ते बढ़ते हर्षा की ट्रोलिंग तक जा पहुंची है. वहीं हर्षा के परिवार का दावा है कि हर्षा ने संन्यास नहीं लिया है उन्होंने सिर्फ दीक्षा ली है.
हर्षा की जिदंगी खुली किताब
परिवार की मानें तो हर्षा की जिदंगी खुली किताब की तरह है...आध्यात्म से जुड़ाव से पहले वो तमाम इवेंट में एंकरिंग करती रही हैं...लेकिन हाल के दिनों में आध्यात्मिक जुड़ाव ने उनकी जिंदगी काफी हद तक बदल दी है. लेकिन हर्षा के पिता भी अपनी बेटी की ट्रोलिंग से परेशान हैं. उनका कहना है कि महाकुंभ में पहुंची उनकी बेटी को लेकर जो बातें की जा रही हैं, उसका कोई मतलब नहीं है. पिता का कहना है कि हर्षा ने अपना मुकाम खुद बनाया है.
विवाद से मां का दिल भी दुखी
बेहद साधारण हालात में पली बढ़ी हर्षा के घर वालों का कहना है कि उनकी बेटी सनातन की सेवा की राह पर है. हर्षा की मां किरण रिछारिया घर में बुटिक चलाती हैं. अपनी बेटी को लेकर विवाद से मां का दिल भी दुखी है लेकिन हर्षा की मां का कहना है कि उनकी बेटी जिस राह पर चल रही है, उससे वो खुश हैं.
हर्षा के भगवा पहनने से संतों को ऐतराज
हर्षा रिछारिया को लेकर महाकुंभ में संतों के सुर अलग अलग हैं, हालांकि ऐसे तमाम संत हैं जो इस मामले को तूल देने के मूड में नहीं है जबकि संतों का एक खेमा ऐसा भी है जो हर्षा के भगवा पहनने और शाही रथ पर सवार होने से भड़का हुआ है. हर्षा को लेकर सोशल मीडिया पर भी बहस चल रही है. कोई उन्हें मॉडल बता कर उनके कुंभ में जाने के विरोध कर रहा है, तो कोई उनकी पुरानी तस्वीरों को शेयर करके भद्दे कमेंट कर रहा है.