
इस साल 26 फरवरी को महाशिवरात्रि (Mahashivratri) मनाई जा रही है. इसी दिन महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) का आखिरी महास्नान भी है. इसके बाद उत्तर प्रदेश (UP) के प्रयागराज (Prayagraj) में लगे महाकुंभ मेले का समापन हो जाएगा. आइए जानते हैं भोलेनाथ का जलाभिषेक और महाकुंभ में स्नान करने का शुभ मुहूर्त क्या है?
महाशिवरात्रि पर बन रहा विशेष संयोग
इस बार बुधवार को महाशिवरात्रि पर विशेष संयोग बन रहा है. इससे महाशिवरात्रि पर महाकुंभ में स्नान का महत्व और बढ़ गया है. महाशिवरात्रि पर सूर्य-चंद्रमा और शनिदेव का विशेष त्रिग्रही योग बन रहा है. इस योग को समृद्धि और सफलता के प्रतीक माना जाता है. शिव योग और सिद्ध योग का संयोग भी बन रहा है.
इतना ही नहीं अमृत सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है. हिंदू धार्मिक मान्यता के मुताबिक इन योगों के दौरान किए गए कार्यों का व्रत का फल कई गुना अधिक मिलता है. इस दौरान त्रिवेणी संगम में स्नान करने से श्रद्धालुओं की हर कृपा भगवान शिव पूरी कर देते हैं.
क्या है जलाभिषेक करने का शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि का तिथि की शुरुआत 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 8 मिनट पर होगा और इसका समापन अगले दिन 27 फरवरी को सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर होगा. महाशिवरात्रि की पूजा रात्रि में की जाती है, इसलिए महाशिवरात्रि का व्रत 26 फरवरी को रखा जाएगा.
इस दिन महाकुंभ मेले का समापन भी होगा. बुधवार को भोलेनाथ को जलाभिषेक करने का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 47 मिनट से 09 बजकर 42 मिनट तक है. इसके बाद सुबह 11 बजकर 06 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है. शाम के समय जलाभिषेक करने का समय 03 बजकर 25 मिनट से 06 बजकर 08 मिनट तक है. इसके बाद रात में 08 बजकर 54 मिनट से 12 बजकर 01 मिनट तक है.
महाकुंभ स्नान का शुभ समय
हिंदू पंचांग के मुताबिक 26 फरवरी को महाकुंभ के आखिरी स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 9 मिनट से लेकर 5 बजकर 59 मिनट तक रहेगा. स्नान करने के लिए अन्य मुहूर्त भी हैं. प्रातः संध्या सुबह 05:34 बजे से लेकर 06:49 बजे तक रहेगा. आप इस समय भी स्नान कर सकते हैं. अमृत काल सुबह 07:28 बजे से लेकर 09:00 बजे तक रहेगा. इस समय भी स्नान कर सकते हैं.
विजय मुहूर्त में भी आप स्नान कर सकते हैं. यह मुहूर्त दोपहर 02:29 बजे से लेकर दोपहर 03:15 बजे तक रहेगा. गोधूलि मुहूर्त शाम 06:17 बजे से लेकर शाम 06:42 बजे तक रहेगा. धार्मिक मान्यता है कि महाकुंभ के दौरान त्रिवेणी संगम में स्नान करने से जीवन में जाने-अनजाने किए गए पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष क प्राप्ति होती है. असंख्य यज्ञों और तपस्याओं के बराबर पुण्य प्राप्त होता है. आपको मालूम हो इस बार प्रयागराज में महाकुंभ का पवित्र पर्व 13 जनवरी से प्रारंभ हुआ था.
महाकुंभ समापन के दिन कैसे करें स्नान
1. महाकुंभ समापन के दिन स्नान करने से पहले मां गंगा, यमुना और सरस्वती का स्मरण करें.
2. जल अर्पण करते हुए संकल्प लें कि आत्मशुद्धि और मोक्ष प्राप्ति के लिए यह स्नान कर रहे हैं.
3. स्नान के दौरान ॐ नमः शिवाय और हर हर गंगे मंत्र का जाप करें.
4. त्रिवेणी में तीन या सात बार डुबकी लगाएं.
5. भगवान सूर्य को जल अर्पित करते हुए ॐ घृणिः सूर्याय नमः मंत्र का जाप करें.
6. स्नान करने के बाद शिवलिंग पर जल, दूध, बिल्वपत्र और धतूरा चढ़ाएं.
7. रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें.
8. इस दिन जरूरतमंदों को अन्न और वस्त्र दान करें.