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Mahakumbh 2025: महाकुंभ में महिला साध्वी करेंगी गंगा आरती... ड्रोन दिखाएंगे पौराणिक कथा

13 जनवरी 2025 से शुरू हो रहे महाकुंभ की तैयारियां अपने अंतिम पड़ाव में हैं. महाकुंभ में सुरक्षा से लेकर पूजा-पाठ तक के खास इंतजाम किए जा रहे हैं. महाकुंभ के रंग इस बार अनोखे होंगे.

महज 11 दिन बाद संगम के इस पवित्र तट पर महाकुंभ की शुभ शुरुआत होने जा रही है. लेकिन इससे पहले ही इसकी भव्यता नज़र आने लगी है. ड्रोन कैमरे से ली गई ये तस्वीरें महाकुंभ की इसी भव्यता को बयां कर रही हैं. इन तस्वीरों में देखा जा सकता है कि जहां तक नजर जा रही है. वहां तक महाकुंभ की अद्भुत और आलौकिक छठा बिखरी हुई है.

महाकुंभ की इसी अद्भुत अनुभूति के लिए ना सिर्फ साधु-संत संगम किनारे पहुंचने लगे हैं, बल्कि देश और दुनिया से कल्पवासियों के पहुंचने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है. क्योंकि महाकुंभ की शुरूआत 13 जनवरी 2025 से हो रही है. जिसमें आने वाले श्रद्धालुओं को गंगा आरती की एक अलग ही भव्यता देखने को मिलेगी.

महिला बटुक कराएंगी आरती 
दरअसल, प्रयागराज में संगम किनारे रोजाना होने वाली आरती को महाकुंभ के दौरान दो महीने तक महिला बटुक संपन्न कराएंगी. ये महिला बटुक ही डमरू और शंख बजाएंगी, पूजा करेंगी, भजन गाएंगी और प्लेटफार्म पर चढ़कर आरती के पात्र को हाथ में लेकर आरती करती नजर आएंगी. 

इस आयोजन में खास बात ये होगी समूची दुनिया में ये पहला मौका होगा, जहां नियमित आरती को महिला बटुक संपन्न कराएंगी. जिसकी झलक अभी से गंगा आरती के दौरान दिखने भी लगी है. श्रद्धालुओं के लिए सिर्फ गंगा आरती ही नहीं, बल्कि महाकुंभ के दौरान शाम के वक्त होने वाला ड्रोन शो भी आकृषण का प्रमुख केंद्र होगा. 

महाकुंभ की पौराणिक कथाओं का प्रदर्शन
ड्रोन शो में करीब 2,000 लाइटनिंग ड्रोन का इस्तेमाल करके महाकुंभ की पौराणिक कथाओं का प्रदर्शन किया जाएगा. इसके अलावा श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए महाकुंभ के मुख्य स्नान में VIP के लिए किसी तरह का प्रोटोकॉल लागू नहीं होगा, यानी सबके लिए संगम का मुख्य स्नान एक समान खुला होगा और मुख्य स्नान पर संतों और श्रद्धालुओं पर फूलों की बारिश भी की जाएगी.

साथ ही, श्रद्धालुओं और संतों की सुविधाओं के लिए संगम पर विशेष तैरते हुए घाट बनाए गए हैं, जहां नहाने और कपड़े बदलने की सुविधा उपलब्ध है. यह तैयारी बता रही है कि 12 साल बाद होने वाला महाकुंभ का ये आयोजन इस बार न सिर्फ साधु-संतों के लिए खास होने वाला है बल्कि श्रद्धालुओं को भी महाकुंभ के कई अनोखे रंग संगम की रेती पर देखने को मिलेंगे.