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उन्नाव जेल में हुआ कुंभ स्नान का आयोजन... बंदियों ने ली पवित्र डुबकी, लगाए हर-हर गंगे के नारे

इस आयोजन के बाद कई बंदियों ने अपनी खुशी और संतोष जाहिर किया. उन्होंने कहा कि पवित्र डुबकी लेने से उन्हें मानसिक शांति मिली है और अपने भीतर सकारात्मक बदलाव महसूस हो रहा है.

Prayagraj Mahakumbh Prayagraj Mahakumbh
हाइलाइट्स
  • हर हर गंगे के उद्घोष से गूंजा जेल परिसर

  • सुधार और पुनर्वास की दिशा में कदम

उत्तर प्रदेश की उन्नाव जिला जेल में हाल ही में कुंभ स्नान का आयोजन किया गया, जहां बंदियों ने पवित्र डुबकी लगाकर आध्यात्मिकता का अनुभव किया. जेल प्रशासन ने इस विशेष आयोजन के लिए पूरी तैयारी की थी, जिसमें जेल अधीक्षक के नेतृत्व में एक अस्थायी स्नान टंकी स्थापित की गई थी.

हर हर गंगे के उद्घोष से गूंजा जेल परिसर
इस आयोजन के दौरान बंदियों ने पारंपरिक परिधान पहने और एक पंक्ति में पवित्र स्नान के लिए एकत्र हुए. जैसे ही बंदियों ने डुबकी लगाई, "हर हर गंगे" और भक्ति गीतों के उद्घोष से माहौल भक्तिमय हो गया. आयोजन स्थल पर आध्यात्मिकता और शांति का वातावरण महसूस किया जा सकता था.

जेल अधीक्षक ने इस आयोजन के महत्व को समझाते हुए कहा कि इसका उद्देश्य बंदियों को आध्यात्मिक रूप से जोड़ना और उनके मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करना है. उन्होंने कहा, "हमने देखा है कि धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन बंदियों में सकारात्मक सोच और आत्म-सुधार की भावना को बढ़ावा देते हैं."

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सुधार और पुनर्वास की दिशा में कदम
इस आयोजन को बंदियों के सुधार और पुनर्वास के प्रयासों का हिस्सा माना जा रहा है. आध्यात्मिक आयोजनों के माध्यम से जेल प्रशासन बंदियों को एक सकारात्मक माहौल प्रदान करने की कोशिश कर रहा है, जहां वे समाज में दोबारा एकीकरण के लिए तैयार हो सकें.

जेल प्रशासन का मानना है कि ऐसे आयोजन बंदियों में समुदाय और आपसी सहयोग की भावना को बढ़ावा देते हैं. इससे उनमें एक-दूसरे के प्रति सम्मान और सामाजिक व्यवहार सुधारने की प्रेरणा मिलती है.

बंदियों के चेहरों पर दिखी संतुष्टि
इस आयोजन के बाद कई बंदियों ने अपनी खुशी और संतोष जाहिर किया. उन्होंने कहा कि पवित्र डुबकी लेने से उन्हें मानसिक शांति मिली है और अपने भीतर सकारात्मक बदलाव महसूस हो रहा है.

इस प्रकार उन्नाव जेल का यह कुंभ स्नान आयोजन बंदियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक नई पहल के रूप में देखा जा रहा है.

(आशीष श्रीवास्तव की रिपोर्ट)