हिंदू धर्म में भगवान शिव का अत्यधिक महत्व है. भगवान शिव सबसे ज्यादा पूजे जाने वाले देवता हैं. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्तों को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है. शिव जी मात्र एक लोटा जल और बेलपत्र से प्रसन्न हो जाते हैं. इसी तरह फाल्गुन के महीने में पड़ने वाली महाशिवरात्रि का भी विशेष महत्व है. भगवान शिव और पार्वती के मिलने के उत्सव को लोग शिवरात्रि के रूप में मनाते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष महाशिवरात्रि का त्योहार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मनाई जाती है.
कब है महाशिवरात्रि?
हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व 01 मार्च, मंगलवार को है. चतुर्दशी तिथि मंगलवार की सुबह 03 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर 02 मार्च, बुधवार को सुबह करीब 10 बजे तक रहेगी.
क्या है इस दिन का महत्व?
महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा और व्रत रखने का विशेष महत्व होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान शिव लिंग के स्वरूप में प्रकट हुए थे. वहीं कुछ लोगों का मानना है कि इस दिन भगवान भोलेशंकर और माता पार्वती का विवाह हुआ था. ऐसा कहा जाता है कि महाशिवरात्रि पर जो अविवाहित कन्याएं उपवास रखती हैं उन्हें मनभावन पति मिलता है.
कैसे करें पूजा?
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके शिव मंदिर जाएं. भगवान शिव और माता पार्वती का स्मरण करते हुए उनका जलाभिषेकर करें. महाशिवरात्रि में शिव पूजा के दौरान अक्षत, पान, सुपारी, बेलपत्र, दूध, दधी, शहद, घी ,धतूरा आदि भगवान शिव को अर्पित करें. पूजा के दौरान शिव मंत्रों का जाप करते रहें.
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।