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Maha Shivratri Vrat Niyam 2023: महाशिवरात्रि का व्रत रखने वालों के लिए बनाए गए हैं कुछ नियम, जानिए इस दौरान क्या करें और क्या नहीं

महाशिवरात्रि साधन की रात्रि है. इस दिन जो भी शिवभक्त भक्ति भाव से पूजा करता है उसपर शिवजी की विशेष कृपा होती है. शिवरात्रि व्रत के कुछ नियम और विधि हैं जिन्हें जानना आपके लिए बेहद जरूरी है.

Shivratri Shivratri

महाशिवरात्रि, हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक भगवान शिव को समर्पित त्योहार है. हर साल दक्षिण भारतीय कैलेंडर के अनुसार माघ के महीने में और उत्तर भारतीय कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन के महीने में मनाया जाता है. महाशिवरात्रि का पालन शिवरात्रि के उत्सव से अलग है जो हर महीने और साल में कुल 12 बार आता है. एक पौराणिक कथा के अनुसार, महाशिवरात्रि या शिव की महान रात उस रात को संदर्भित करती है जब भगवान शिव अपना तांडव नृत्य करते हैं. एक अन्य कहावत ये भी है कि यह दिन उस रात को याद करता है जब शिव और पार्वती का विवाह हुआ था. इस साल महाशिवरात्रि 18 फरवरी, 2023 (शनिवार) को मनाई जाएगी.

कहं मनाया जाता है महाशिवरात्रि उत्सव
महाशिवरात्रि पूरे देश में मनाई जाती है चाहे वह उत्तराखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब हो या फिर हिमाचल प्रदेश, बिहार से लेकर कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश या तेलंगाना. देश भर के भक्त शिव मंदिरों में जाते हैं, शिव अर्चना करते हैं और शिवलिंग पर दूध, धतूरा, बेल पत्र, चंदन का पेस्ट, घी, चीनी और अन्य भोग सामग्री चढ़ाते हैं. शिव भक्त पूरे दिन उपवास रखते हैं और अगली सुबह उपवास तोड़ते हैं. 

व्रत का पालन करते समय, भक्त सात्विक खाद्य पदार्थ जैसे कुट्टू, रागी, साबुदाना, फल और कुछ प्रकार की सब्जियां खा सकते हैं. यदि आप भी महाशिवरात्रि का व्रत कर रहे हैं, तो आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं आज इसके बारे में आपको बताएंगे.

व्रत के दिन क्या करें?
1. महाशिवरात्रि व्रत का संकल्प व्रत से एक दिन पहले सुबह स्नान करने के बाद और शिव पूजा करते समय लिया जाता है. संकल्प हथेली में कुछ चावल और पानी रखकर होता है.

2. व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त या सूर्योदय के आसपास सुबह जल्दी उठें.

3. व्रत के दिन स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए.

4. जो लोग इस व्रत को कर रहे हैं उन्हें सलाह दी जाती है कि वे दिन में कई बार 'ओम नमः शिवाय' का जाप करें.

5. चूंकि शिवरात्रि पूजा रात में आयोजित की जाती है इसलिए भक्तों को शिव पूजा करने से पहले शाम को दोबारा स्नान करना चाहिए. आमतौर पर भक्त अगले दिन स्नान करने के बाद उपवास तोड़ते हैं.

6. जो लोग कुछ स्वास्थ्य स्थितियों से पीड़ित हैं या दवा ले रहे हैं, उन्हें उपवास करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.

7. भगवान शिव के प्रसाद में दूध, धतूरे का फूल, बेलपत्र, चंदन का पेस्ट, दही, शहद, घी और चीनी शामिल हैं.,

8. द्रिकपंचांग के अनुसार व्रत का अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए भक्तों को सूर्योदय के बीच और चतुर्दशी तिथि के अंत से पहले उपवास तोड़ देना चाहिए.

महाशिवरात्रि व्रत में क्या न करें?

1. चावल, गेहूं या दालों से बने भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि व्रत के दौरान इन खाद्य पदार्थों की अनुमति नहीं होती है.

2. मांसाहारी भोजन, लहसुन, प्याज से सख्ती से बचना चाहिए क्योंकि ये वस्तुएं तामसिक प्रकृति की होती हैं.

3. शिवलिंग पर नारियल पानी नहीं चढ़ाना चाहिए.

4. व्रत रखने वाले को दिन में सोना नहीं चाहिए. शास्त्रों के अनुसार दिन में सोने से आपको व्रत का फल नहीं मिलता है.