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Mahakumbh 2025: कौन होती हैं नागा साध्वियां? प्रयागराज महाकुंभ में कैसी है महिला अखाड़े की स्थिति, जानिए उनके नियम

महाकुंभ मेला 2025 (Mahakumbh 2025) का काउंटडाउन शुरू हो गया है. नागा साधुओं के बिना महाकुंभ हो ही नहीं सकता है. इस बार संगम नगरी में महिला नागा साधुओं (Mahila Naga Sadhu) के टेंट अलग से लगे हुए हैं. महिला नागा साधु की परंपरा भी बेहद पुरानी है.

Mahila Naga Sadhu in Mahakumbh 2025 (Photo Credit: PTI) Mahila Naga Sadhu in Mahakumbh 2025 (Photo Credit: PTI)
हाइलाइट्स
  • महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू हो रहा है

  • बड़ी तादाद में महिला नागा साधु कुंभ में पहुंचीं

महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) शुरू होने में अब बस कुछ ही दिन बाकी हैं. प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. इसके लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है. श्रद्धालुओं के लिए कई खास इंतजाम भी किए हैं.

महाकुंभ में साधु-संतों का जमावड़ा शुरू हो गया है. साधु संगम नगरी में पहुंचने शुरू हो गए हैं. कई सारे अखाड़े प्रयागराज पहुंच चुके हैं. प्रयागराज शहर महाकुंभ के लिए तैयार हो चुका है.

महाकुंभ में नागा साधु (Naga Sadhu Mahakumbh) भी पहुंचते हैं. नागा साधुओं के बिना कुंभ (Naga Sadhu Kumbh) की कल्पना नहीं की जा सकती. नागा साधु काफी कठिन तपस्या करते हैं. आपने नागा साधु के बारे में तो सुना होगा लेकिन क्या आप महिला नागा साधु के बारे में जानते हैं?

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कौन हैं महिला नागा साधु?
महिला नागा साधुओं की परंपरा नई नहीं है. महिला नागा साधु की परंपरा भी उतनी ही पुरानी है जितनी कुंभ में पुरुष नागा साधुओं की परंपरा है. माना जाता है कि पुरुष नागा साधुओं के साथ ही महिला संन्यासियों का भी स्नान होता रहा है लेकिन एक मर्यादा के साथ.

महिला नागा साधु अखाड़ा
महाकुंभ में सभी अखाड़ों के टेंट लगे हुए हैं. सभी को अलग-अलग जगह दी गई है. इसी तरह महाकुंभ में महिला नागा साधुओं का भी अलग अखाड़ा है. उनके टेंट भी कुंभ मेले क्षेत्र में लगे हुए हैं. इस टेंट नागा साध्वियां दिखाई देंगी.

महिला संन्यासियों की एक पूरी फौज तीन शाही स्नान तक यहां रुकेगी. यह महिला साधु देश और विदेश से आई है. महिला साधुओं के अध्यक्ष महंत दिव्या गिरी हैं. उन्होंने बताया कि कुंभ में महिला नागा साध्वियों की परंपरा रही है. पहले महिला नागा साधु जूना अखाड़े का ही हिस्सा होती थीं लेकिन अब एक अलग शाखा बनाई गई है. 

महिला नागा साधु के नियम
नागा साधु की महिला नागा साधु भी कठिन तपस्या करते हैं. नागा साधु बनने के लिए काफी कठिनाई से गुजरना होता है. पुरूष नागा साधु लंबे बाल रखते हैं. वहीं नागा साध्वियां अपने सिर को मुंडवाकर रखती हैं.

नागा साधुओं की तरह महिला नागा साधु भी ब्रह्मचर्य का पालन करती हैं. कई साल ब्रह्मचर्य का पालन करने बाद ही महिला नागा साधु बनती हैं. महिला नागा साधु गेरुए रंग के कपड़े पहनती हैं. अगर नागा साध्वी चाहे तो वो बिना कपड़े के भी रह सकती हैं. हालांकि, ज्यादातर महिला नागा साधु गेरुए कपड़े में रहती हैं.

महाकुंभ में साध्वियां
महिला नागा साधु के जीवन में किसी परुष के लिए कोई जगह नहीं होती हैं. वो ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए तपस्या करती हैं. महिला नागा साधु अखाड़े में मौजूद महिला साध्वियों ने कहा कि यह महाकुंभ दिव्य और भव्य होगा. महिला साध्वी और संन्यासिनें भी साधु संत और महंत के रूप में अपनी भूमिका अदा करेंगी.

अमृत स्नान की डेट्स
इस बार महाकुंभ में होने वाले मुख्य स्नान को शाही स्नान की जगह अमृत स्नान कहा जाता है. 13 जनवरी 2025 को पहला अमृत स्नान होगा. इसी दिन से महाकुंभ 2025 की शुरूआत हो जाएगा. दूसरा अमृत स्नान अगले दिन 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन होगा.

महाकुंभ का तीसरा शाही स्नान 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन होगा. चौथा अमृत स्नान 2 फरवरी को होगा. वहीं पांचवां अमृत स्नान 12 फरवरी 2025 को होगा. महाकुंभ का आखिरा और छठवा अमृत स्नान 26 फरवरी को महाशिवरात्रि को होगा. इसके साथ ही महाकुंभ का समापन हो जाएगा.