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Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति के दिन क्या करें और क्या नहीं ? जानें दान का महत्व

मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य की पूजा की जाती है. इस साल 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा.इस दिन दान का काफी महत्व है. आइए जानते हैं इस दिन क्या करें और क्या नहीं ?

मकर संक्रांति पर प्रयागराज पहुंचे श्रद्धालु (फोटो ट्विटर) मकर संक्रांति पर प्रयागराज पहुंचे श्रद्धालु (फोटो ट्विटर)
हाइलाइट्स
  • इस साल 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा

  • दान-पुण्य करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है

भगवान सूर्य 14 जनवरी 2023 की रात 8 बजकर 21 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे. ऐसे में मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा.आइए आज जानते हैं इस दिन क्या करें, क्या नहीं और दान का क्या है महत्व ? 

क्या करें
पवित्र नदी में स्नान : शास्त्रों के अनुसार मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. गंगा स्नान सबसे उत्तम माना जाता है. यदि आप गंगा स्नान नहीं कर सकते तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें.इस दिन गंगाजल से स्नान करें और घर में भी छिड़काव करें. 

भगवान सूर्य को अर्घ्य : मकर संक्रांति का पर्व सूर्यदेव को समर्पित होता है, इसलिए इस दिन सूर्यदेव की विशेष पूजा-अर्चना करें. इसके बाद जल में कुमकुम व काले तिल डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें. इस दौरान आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. 

दान : शास्त्रों के अनुसार मकर संक्रांति पर दान-पुण्य करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. इस दिन किया गया दान सीधे भगवान को समर्पित होता है और इससे व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. मकर संक्रांति पर गरीब व जरूरतमंदों को दान जरूर करना चाहिए. इस दिन दान करने से समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ती है.

पितरों को करें तर्पण : मकर संक्रांति के दिन पूर्वजों के नाम से तर्पण करना चाहिए. इससे घर में पितृदोष नहीं होता. आज ही के दिन महाराज भगीरथ ने अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए गंगा नदी में तर्पण किया था.

खिचड़ी का करें दान : संक्रांति के शुभ अवसर पर उड़द की दाल का विशेष प्रचलन भी है और महत्व भी है. ऐसे में अगर चावल और उड़द की दाल की खिचड़ी बनाकर उसे दान किया जाए तो अक्षय फल की प्राप्ति होती है. 

क्या नहीं करें
स्नान के पहले कुछ भी न खाएं : मकर संक्रांति के दिन गंगा या किसी अन्य नदी में स्नान और दान करके ही कुछ खाना चाहिए. यदि किसा कारण से नदी में नहीं नहा सके तो घर पर ही नहाकर दान करें फिर कुछ खाएं.

तामसिक भोजन नहीं करें :  मकर संक्रांति पर तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए. इससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है. इस दिन मांस, लहसुन, प्याज जैसी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए. 

मदिरापान नहीं करें :  मकर संक्रांति पर मदिरापान करने से जीवन पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है. इससे आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है. इस दिन मदिरा या शराब का सेवन करने से घर से सुख-समृद्धि जा सकती है.

गरीबों का अपमान नहीं करें : इस दिन किसी भी गरीब या असहाय व्यक्ति का अपमान नहीं करें. ऐसा करने से पाप के भागीदान बनते हैं. इस दिन किसी को भी अपशब्द नहीं कहना चाहिए. घर पर कोई मांगने आए तो खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए.

प्लास्टिक का दान नहीं करें : इस दिन आप प्लास्टिक का दान नहीं करें, इससे घर में वास्तु दोष होता है. मकर संक्रांति के दिन झाड़ू दान नहीं करना चाहिए.किसी और की दी हुई चीज आपको नहीं देनी चाहिए. इससे दान का फल आपको नहीं मिलेगा. जूते-चप्पल का दान नहीं करना चाहिए. जूठी वस्तुओं का दान नहीं करना चाहिए.

पेड़ों की कटाई नहीं करें
मकर संक्रांति के दिन पेड़ों की कटाई करना अशुभ माना जाता है. साथ ही इस दिन तुलसी भी नहीं तोड़नी चाहिए. यह करना अशुभ माना जाता है.

राशि के अनुसार करें इन चीजों का दान 
सिंह : जल में कुमकुम तथा रक्त पुष्प, तिल डालकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें, इसके बाद गुड़ और तिल दान करें.
मेष : भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद तिल-गुड़ का दान करें.
वृष  : भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद खिचड़ी का दान करें.
मिथुन : जल में तिल डालकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें. मूंग की दाल की खिचड़ी दान करें.
कर्क : जल में दूध, चावल, तिल मिलाकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें. गुड़ और तिल दान करें.
कन्या : मूंग की दाल की खिचड़ी बनाकर दान करें. गाय को चारा दें.
तुला : सफेद चंदन मिलाकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें.इसके बाद गुड़ और तिल का दान करें.
वृश्चिक : भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद गुड़ का दान करें.
धनु : जल में हल्दी, केसर, पीले पुष्प मिलाकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें. गुड़ दान करें. 
मकर : काले तिल, उड़द की दाल की खिचड़ी दान करें। 
मीन : भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद तिल और गुड़ का दान करें.
कुंभ : भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद उड़द और तिल का दान करें.