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Mokshada Ekadashi: शनिवार को है मोक्षदा एकादशी, जानिए पर्व का महत्व व पूजा विधि

मोक्षदा एकादशी इस बार शनिवार, 3 दिसंबर को पड़ रहा है. मोक्षदा एकादशी मार्गशीर्ष शुक्ल तिथि के दिन पड़ता है. इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. व्रती पापों से मुक्ति पाने के लिए भगवान विष्णु की उपासना करते हैं.

Mokshada Ekadashi 2022 Mokshada Ekadashi 2022
हाइलाइट्स
  • मोक्षदा एकादशी के दिन करें गीता की पुस्तक

  • भगवान विष्णु को पीले फूल , पंचामृत और तुलसी दल अर्पित करें

मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी मनाया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. इस दिन लोग अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए व्रत भी रखते हैं. इसके साथ ही इस दिन भगवान विष्णु के लिए व्रत रखने से सभी पापों से भी मुक्ति मिलती है. जिसके मोक्षदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. 

मोक्षदा एकादशी का महत्व 
मोक्षदा एकादशी मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी को आती है. इस दिन को मोक्ष प्राप्ति का दिन कहा जाता है. इसी दिन भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था. इस दिन पूजा उपासना से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति संभव होती है. इस दिन दान का फल अनंत गुना मात्रा में प्राप्त होता है. इस बार मोक्षदा एकादशी 03 दिसंबर को मनाई जाएगी. 

ऐसे करें मोक्षदा एकादशी पर उपासना
प्रातःकाल स्नान करके सूर्य देवता को जल अर्पित करें. इसके बाद पीले वस्त्र धारण करके भगवान कृष्ण की पूजा करें. उन्हें पीले फूल , पंचामृत और तुलसी दल अर्पित करें. इसके बाद भगवान कृष्ण के मंत्रों का जाप करें या फिर भगवत गीता का पाठ करें. किसी निर्धन व्यक्ति को वस्त्रों या अन्न का दान करें. वैसे तो निर्जल उपवास रखना उत्तम होता है. परन्तु आवश्यकता होने पर जलीय आहार और फलाहार लिया जा सकता है. 

मोक्षदा एकादशी पर करें ये उपाय
मोक्षदा एकादशी के दिन एक उपाय करके अपनी गलतियों ही नहीं बल्कि सभी पापों से मुक्ति भी पाया जा सकता है. मोक्षदा एकादशी के दिन गीता की पुस्तक का दान करें. इससे आपकी गलतियों का प्रायश्चित होगा. इसके साथ ही पापों से मुक्ति भी मिलेगी.