
महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) शुरू होने में कुछ ही दिन बचे हैं. मकर संक्रांति के एक दिन पहले महाकुंभ शुरू हो जाएगा. प्रयागराज में हो रहे इस महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. इसके लिए प्रशासन ने कमर कस ली है.
महाकुंभ में पूरे देश भर से साधु-संत आते हैं. संगम नगर में साधु संतों का जमावड़ा शुरू हो गया है. देश भर के अखाड़े इस महाकुंभ में शामिल होने के लिए आते हैं. अखाड़ों को प्रशासन की तरफ से अलग से जगह भी दी जाती है.
हर अखाड़े को अलग-अलग जगह दी गई है. इस महाकुंभ की दिव्यता और भव्यता पूरी दुनिया में दिखाई दी. इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. इस महाकुंभ में सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का अखाड़ा लग रहा है. आइए उस बारे में जानते हैं.
CM योगी का अखाड़ा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नाथ संप्रदाय (Nath Sampradaya) से ताल्लुक रखते हैं. महाकुंभ में नाथ संप्रदाय का अखाड़ा सबसे बाद में लगाया जा रहा है. प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ में आठ बीघे में फैला नाथ संप्रदाय का टेंट सबके आकर्षण का केंद्र है. इस विशाल टेंट में चार बड़े-बड़े जर्मन हैंगर बना रहे हैं. महाकुंभ में 56-57 ऐसे टेंट हैं जिसमें देश भर से आने वाले नाथ संप्रदाय के संत रहेंगे.
2019 के कुंभ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पूरी कैबिनेट ने यहां भोजन किया था. इस बार भी 21 जनवरी को यह प्रस्तावित किया गया है कि यहां पर कैबिनेट होगा. नाथ संप्रदाय का विशाल टेंट बन रहा है इसलिए मंत्रियों के भोजन की व्यवस्था भी यहीं पर होगी.
सीएम का खास टेंट
महाकुंभ में लगभग सभी अखाड़ों के टेंट तैयार हो चुके हैं लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अखाड़ा अभी तैयार नहीं हुआ है. तैयारी में देरी को लेकर चर्चा हो रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए बनने वाला खास टेंट अभी भी तैयार नहीं है.
महाकुंभ में मुख्यमंत्री के लिए बनने वाला निवास का काम सबसे पीछे चल रहा है. सिर्फ लोहे के पाइप का ढांचा अभी बना है. नाथ सांप्रदायिक के महासचिव मैतेई महाराज और इलाके के कॉरपोरेटर दोनों इस टेंट का काम देख रहे हैं. पहले अमृत स्नान के नाथ संप्रदाय का विशाल टेंट पूरी तरह से तैयार हो जाएगा.
कब है अमृत स्नान?
महाकुंभ में अमृत स्नान का काफी महत्व है. पहले इसे शाही स्नान कहा जाता था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घोषणा के बाद मुख्य स्नान को अमृत स्नान कहा जाने लगा. 45 दिनों तक चलने वाले महाकुंभ में 6 मुख्य शाही स्नान होते हैं.
पहला शाही स्नान 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा को होगा. अगले दिन 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन दूसरा अमृत स्नान होगा. तीसरा शाही स्नान 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर होगा. 2 फरवरी को चौथा स्नान और 12 फरवरी को पांचवां शाही स्नान होगा. आखिरी शाही स्नान महाशिवरात्रि पर 26 फरवरी को होगा. इसके साथ ही महाकुंभ के मेले का समापन हो जाएगा.