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Chaitra Navratri 2022: चैत्र नवरात्रि के पहले दिन करें मां शैलपुत्री की पूजा, जानें पूजा विधि, भोग और शुभ मंत्र

चैत्र नवरात्रि के पावन पर्व की शुरुआत 2 अप्रैल से हो रही है. नवरात्र के 9 दिन देवी के अलग-अलग नौ रूपों की पूजा होती है. नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा होती है. मां दुर्गा की विशेष कृपा पाने के लिए लोग उपवास रखते हैं और पूरी श्रद्धा और भक्तिभाव के साथ माता का पूजन करते हैं.

Maa Shailputri Maa Shailputri
हाइलाइट्स
  • सफेद बर्फी का भोग लगाएं

  • पहले दिन करें मां शैलपुत्री की पूजा

चैत्र नवरात्रि के पावन पर्व की शुरुआत 2 अप्रैल से हो रही है. नवरात्र के 9 दिन देवी के अलग-अलग नौ रूपों की पूजा होती है. नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा होती है. मां दुर्गा की विशेष कृपा पाने के लिए लोग उपवास रखते हैं और पूरी श्रद्धा और भक्तिभाव के साथ माता का पूजन करते हैं. मान्यता है कि 9 दिन माता की विधिवत पूजा और कन्या पूजन के साथ समापन करने से भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है. ऐसे में मां के एक एक स्वरूप की हम रोज़ चर्चा करेंगे. आइए जानते हैं मां शैलपुत्री की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और प्रिय भोजन के बारे में विस्तार से- 

कलश स्थापना मुहूर्त
02 अप्रैल को प्रात: 06:10 बजे से प्रात: 08:31 बजे तक
दोपहर में 12:00 बजे से 12:50 बजे तक

ऐसे करें पूजा
नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम रूप शैलपुत्री की पूजा की जाती है. हिमालय की पुत्री होने के कारण मां को शैलपुत्री के नाम से जाना जाता है. मान्यताओं के अनुसार मां शैलपुत्री की पूजा करने से अच्छा स्वास्थ्य और मान-सम्मान मिलता है. मां को सफेद रंग अति प्रिय होता है. इस दिन मां को सफेद वस्त्र या सफेद फूल अर्पित करने चाहिए. मां को सफेद बर्फी का भोग लगाना चाहिए.

चैत्र नवरात्रि घटस्थापना पूजा सामग्री
पूजन के लिए आपको जिन चीजों की जरूरत पड़ेगी वो हैं चौड़े मुंह वाला मिट्टी का एक बर्तन कलश , सप्तधान्य (7 प्रकार के अनाज), पवित्र स्थान की मिट्टी , गंगाजल , कलावा/मौली, आम या अशोक के पत्ते , छिलके/जटा वाला, नारियल , सुपारी अक्षत (कच्चा साबुत चावल), पुष्प और पुष्पमाला, लाल कपड़ा , मिठाई , सिंदूर , दूर्वा. 

क्या लगाएं भोग
मां शैलपुत्री को हमेशा गाय के घी का भोग लगाना चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि इस उपाय को करने से व्यक्ति के जीवन में जुड़ी सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं. मां शैलपुत्री के आशीर्वाद से उसे जीवन में किसी भी प्रकार के रोग, शोक आदि का कोई भय नहीं रहता है.

मां शैलपुत्री मंत्र- 
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम: