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Navratri 2023: वैष्णो देवी की तर्ज पर बना है दिल्ली का ये मंदिर, 140 फीट लंबी गुफा भी है मौजूद 

इस मंदिर में जो भी मन्नत सच्चे मन से मांगी जाए वह जरूर पूरी होती है. इसलिए यहां पहुंचने वाले श्रद्धालु भी सच्चे मन से माता को याद करते हैं. यही वजह है कि यहां पर एक दीवार भी है जहां मन्नत का धागा बांधा जाता है.

वैष्णो देवी वैष्णो देवी
हाइलाइट्स
  • पहले मंदिर हुआ करता था छोटा 

  • 140 फीट लंबी है गुफा

नवरात्रि को लेकर देशभर में उत्सव का माहौल है. जगह-जगह मंदिरों को सजाया और संवारा जाने लगा है. इसके साथ ही बाजार भी नवरात्रों के रंग में अब पूरी तरह से रंग चुके हैं. नवरात्रि के मौके पर श्रद्धालु मां जगदंबा के दर्शन करने मंदिर पहुंचते हैं. ऐसे में अगर शक्तिपीठों की बात की जाए तो वहां पर बड़ी तादाद में श्रद्धालु माता का आशीर्वाद लेने जाते हैं. नवरात्रि के मौके पर देशभर से रिकॉर्ड तोड़ तादाद में श्रद्धालु मां वैष्णो देवी के दर्शन करने कटरा जाते हैं. लेकिन नवरात्रों में मां वैष्णो देवी के मंदिर हर श्रद्धालु के लिए पहुंचना मुमकिन नहीं हो पाता. लेकिन दिल्ली में एक ऐसा मंदिर बना है जो वैष्णो देवी की तर्ज पर बनाया गया है. यहां ठीक ऐसी ही गुफा नजर आती है जो वैष्णो देवी में मौजूद है.

140 फीट लंबी है गुफा

वैष्णो देवी को देखते हुए लगभग 45 साल पहले दिल्ली के प्रीत विहार में गुफा वाली माता का मंदिर बनाया गया था. इस मंदिर में एक ऐसी गुफा बनाई गई जो हूबहू वैष्णो देवी माता के गुफा जैसी नजर आती है. ये गुफा कुल 140 फीट लंबी है. नवरात्रि के दिनों में गुफा में पानी भी भरा जाता है क्योंकि वैष्णो देवी की गुफा में भी पानी मौजूद होता है. इस गुफा में माता पिंडी रूप में विराजमान हैं. यह ठीक वैसी ही नजर आती है जैसा वैष्णो देवी की गुफा में माता नजर आती हैं. इसके साथ ही गुफा के अंदर ही मां ज्वालामुखी भी विराजमान हैं.

पहले मंदिर हुआ करता था छोटा 

मंदिर के इतिहास के बारे में बताते हुए मंदिर की पुजारी उत्तम तिवारी ने बताया कि कई सालों पहले यह मंदिर छोटा सा हुआ करता था. लेकिन तब मंदिर के पुजारी को सपना आया और सपने में मां ने उन्हें साक्षात दर्शन दिए और कहा कि वह अपने श्रद्धालुओं के लिए दिल्ली में मां वैष्णो देवी जैसा ही एक मंदिर बनवाए. ताकि जो श्रद्धालु वैष्णो देवी तक नहीं जा पाए वह दिल्ली में माता वैष्णो देवी के दर्शन प्राप्त कर सकें. पुजारी को आए सपने के बाद यह मंदिर तैयार करवाया गया और माता को प्राण प्रतिष्ठा देकर पिंडी रूप में स्थापित किया गया.

हनुमान जी भी विराजमान हैं मंदिर में 

खास बात यह है कि इस मंदिर की गुफा में हनुमान जी को भी विराजमान हैं. इसका कारण ये है कि कहा जाता है जब मां वैष्णो देवी 9 दिन गुफा के भीतर थी तो सामने हनुमान जी पहरा दे रहे थे. गुफा के आखिरी छोर पर भैरव बाबा भी विराजमान हैं. क्योंकि मान्यता यह भी है कि बिना भैरव बाबा के दर्शन किए माता के दर्शन का लाभ नहीं मिलता है.

मंदिर के दूसरे पुजारी ओम प्रकाश तिवारी बताते हैं इस मंदिर में जो भी मन्नत सच्चे मन से मांगी जाए वह जरूर पूरी होती है. इसलिए यहां पहुंचने वाले श्रद्धालु भी सच्चे मन से माता को याद करते हैं. यही वजह है कि यहां पर एक दीवार भी है जहां मन्नत का धागा बांधा जाता है और जैसे ही श्रद्धालुओं की मन्नत पूरी हो जाती है वह धागा खोलकर उसे यमुना में प्रवाहित कर देते हैं.