
प्रयागराज के संगम पर स्नान की इच्छा लेकर हजारों किलोमीटर दूर लंदन से एक एनआरआई परिवार भारत आया था. लेकिन दुर्भाग्यवश रास्ते में हादसे का शिकार हो जाने के कारण उनका यह सपना अधूरा रह गया. 16 तारीख को लंदन निवासी एसके दास अपने परिवार के साथ कुंभ स्नान के लिए दिल्ली से प्रयागराज जा रहे थे, जब कानपुर के महाराजपुर इलाके में उनकी ट्रैवलर गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया. इस हादसे में 10 लोग घायल हो गए, जिनमें चार महिलाएं भी शामिल थीं.
घायलों को तत्काल कानपुर के मेडिकल कॉलेज के हैलट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. अस्पताल में उनका इलाज तो शुरू हो गया, लेकिन उनकी सबसे बड़ी चिंता यह थी कि वे कुंभ में संगम स्नान नहीं कर पाएंगे. उनकी इस अधूरी इच्छा की जानकारी जब अस्पताल के प्रिंसिपल डॉक्टर संजय काला को मिली, तो उन्होंने एक अद्भुत पहल की.
संगम का जल लेकर पहुंची अस्पताल की नर्स
डॉ. काला ने अपने स्टाफ से संपर्क कर यह पता लगाने की कोशिश की कि क्या कोई संगम स्नान कर आया है और संगम का पवित्र जल उनके पास है. तभी उन्हें पता चला कि स्टाफ नर्स अर्चना पांडे हाल ही में संगम से स्नान कर लौटी हैं और उनके पास संगम का जल भी है. डॉक्टरों ने तुरंत संगम के उस जल को इन घायलों तक पहुंचाने का निर्णय लिया.
अस्पताल में संगम स्नान
संगम का जल पाकर एनआरआई परिवार ने अपने कुंभ स्नान के अधूरे सपने को पूरा मान लिया. एसके दास ने भावुक होते हुए कहा, "डॉक्टरों ने न सिर्फ हमारा इलाज किया, बल्कि हमारी आस्था का भी सम्मान किया. हमें संगम स्नान न कर पाने का जो अफसोस था, वह अब खत्म हो गया."
इन घायलों में से पांच को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है, जबकि गंभीर रूप से घायल बाकी लोगों का इलाज अभी चल रहा है. हालांकि, उन्हें भी संगम का जल चढ़ाकर स्नान का पुण्य अनुभव कराया गया.
डॉक्टरों की संवेदनशील पहल
हैलट हॉस्पिटल के प्रिंसिपल डॉ. संजय काला ने कहा, "भले ही ये एनआरआई विदेश में रहते हैं, लेकिन उनके दिलों में भारतीय आस्था और संस्कृति बसती है. उनकी भावना को समझते हुए हमने संगम का जल उपलब्ध कराकर उनकी मनोकामना पूरी की."
(रिपोर्ट: रंजय सिंह)