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मकर संक्रांति 2022: उत्तराखंड में गंगा स्नान पर पाबंदी, ओडिशा में धार्मिक समारोहों पर लगा प्रतिबंध

हरिद्वार और ऋषिकेश में मकर संक्रांति के अवसर पर गंगा में स्नान करने पर पाबंदी लगा दी गई है. वहीं ओडिशा में मकर संक्रांति और पोंगल के मौके पर धार्मिक समारोहों और जमावड़े पर प्रतिबंध लगाया गया है.

मकर संक्रांति 2022 मकर संक्रांति 2022
हाइलाइट्स
  • ओडिशा में मकर संक्रांति और पोंगल के मौके पर धार्मिक समारोहों और जमावड़े पर प्रतिबंध.

  • हरिद्वार और ऋषिकेश में मकर संक्रांति के अवसर पर गंगा में स्नान करने पर पाबंदी.

मकर संक्रांति हिंदू धर्म के प्रमुख पर्वों में से एक है. देश के अलग-अलग हिस्सों में इसे अलग-अलग मान्यताओं के अनुसार मनाया जाता है. हर साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2022) का पर्व मनाया जाता है. मकर संक्रांति को देश में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. इसे आंध्र प्रदेश में पेड्डा पांडुगा के नाम से, कर्नाटक, तेलंगाना और महाराष्ट्र में इसे मकर संक्रांति कहा जाता है, तमिलनाडु में पोंगल, असम में माघ बिहू, मध्य और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में माघ मेला, पश्चिम में मकर संक्रांति, केरल में मगरा वलाकू के रूप में जाना जाता है.

हरिद्वार-ऋषिकेश में गंगा स्नान पर पाबंदी

मकर संक्रांति के अवसर पर हरिद्वार और ऋषिकेश में बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाते हैं. पर इस साल कोविड-19 मामलों में बढ़ोत्तरी को देखते हुए उत्तराखंड के हरिद्वार और ऋषिकेश में मकर संक्रांति के अवसर पर गंगा में स्नान करने पर पाबंदी लगा दी गई है. मंगलवार को जारी एक सरकारी आदेश में यह जानकारी दी गई. हरिद्वार के जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय और देहरादून के जिलाधिकारी आर. राजेश कुमार ने अपने आदेश में कहा कि हरिद्वार में हर की पौड़ी, ऋषिकेश में त्रिवेणी घाट और दूसरे घाटों पर श्रद्धालुओं की एंट्री को बैन किया गया है. 

ओडिशा में धार्मिक समारोहों पर प्रतिबंध

वहीं दूसरी ओर ओडिशा में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने 14 जनवरी को मकर संक्रांति और पोंगल के मौके पर लोगों के धार्मिक समारोहों और जमावड़े पर प्रतिबंध लगा दिया. मंगलवार को विशेष राहत आयुक्त के कार्यालय से जारी एक विशेष दिशानिर्देश में कहा गया है कि मकर संक्रांति और पोंगल और अगले दिन पूरे राज्य में नदी किनारे, घाटों, तालाबों, समुद्र तटों या जलाशयों के पास स्नान करने के लिए इकट्ठा होने पर रोक रहेगी. आदेश में कहा गया है कि चूंकि इस अवसर पर मंदिरों में बड़ी संख्या में भीड़ जमा होती है, इसलिए मकर संक्रांति, पोंगल, मकल मेला के दिनों में सभी धार्मिक स्थल और पूजा स्थल लोगों के लिए बंद रहेंगे.  हालांकि, धार्मिक अनुष्ठानों को कम से कम पुजारियों, सेवादारों और कर्मचारियों के साथ करने की अनुमति दी जाएगी.  आदेश में कहा गया है कि धार्मिक मंडली और समारोह प्रतिबंधित हैं. 

इसके अलावा कहा गया है कि लोगों को इस मौके पर केवल अपने परिवार के सदस्यों के साथ अपने घरों में अनुष्ठान और पूजा करने की सलाह दी जाती है. उन्हें सामूहिक समारोहों से बचना चाहिए और कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए. सरकार ने सभी जिलाधिकारियों, नगर आयुक्तों, भुवनेश्वर-कटक के पुलिस आयुक्त और पुलिस अधीक्षकों को दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया.