
सनातन धर्म के मुताबिक जब भी कोई नया काम किया जाता है तो सबसे पहले उसके लिए शुभ मुहूर्त देखा जाता है. कहते हैं कि अगर शुभ मुहूर्त में कोई काम किया जाता है तो उसे करने से अच्छा फल प्राप्त होता है या वो कार्य बिना किसी अड़चन के पूरा हो जाता है. इन काम को करने के लिए हर महीने 5 दिनों को शुभ माना जाता है. हिन्दू धर्म में इन दिनों को पंचक के नाम से जाना जाता है. वैशाख माह में पंचक 25 अप्रैल, यानि सोमवार से शुरू हो रहे हैं. यह 29 अप्रैल तक चलने वाले हैं.
पंचक के प्रकार
आपको बताते चलें कि पंचक के अलग अलग प्रकार होते हैं. हफ्ते के दिनों के हिसाब से पंचक के प्रकार होते हैं. रविवार के दिन पड़ने वाले पंचक को रोग पंचक कहा जाता है. वहीं सोमवार को पड़ने वाले पंचक को राज पंचक, मंगलवार को पड़ने वाले को अग्नि पंचक, शुक्रवार वाले को चोर पंचक, शनिवार को पड़ने वाले पंचक को मृत्यु पंचक के नाम से जाना जाता है. वहीं बुधवार और गुरुवार को पड़ने वाले पंचक को पंचक ही कहा जाता है.
कौन से काम करने की होती है मनाही?
- लकड़ी संबंधी कोई भी कार्य न करें
-इन पांच दिनों में छत की ढलाई न करें. अगर ऐसा करते हैं तो आपके घर में किसी न किसी बात पर लड़ाई झगड़ा हो सकता है.
-बेड या चारपाई न बनाएं
-इन पांच दिनों में दक्षिण दिशा की यात्रा न करें. इससे आपके साथ कुछ अनहोनी हो सकती है.
-इन दिनों में शव जलाने की मनाही होती है.
(इस लेख में दी गई जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है. उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें)