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शुरू हो रहा है पौष माह, जानें किसकी उपासना से मिलेगी सुख-समृद्धि और कैसा रखें खानपान

पौष मास 9 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है. इसबार ये 7 जनवरी तक रहने वाला है. इस माह में सूर्य उपासना फलदायी मानी गई है. इस दौरान सूर्य देव को जल अर्पित करने से लाभ होता है.

पौष माह पौष माह
हाइलाइट्स
  • जल देते हुए मंत्र भी पढ़ें

  • सूर्य की उपासना से मिलेगा फल

कल से पवित्र पौष महीने का शुभारंभ होने वाला है. हिन्दू पंचांग के दसवें महीने को पौष कहते हैं. इस महीने में हेमंत ऋतु का प्रभाव रहता है इसलिए ठंडक काफी रहती है. मान्यता है कि इस महीने सूर्य ग्यारह हजार रश्मियों के साथ व्यक्ति को उर्जा और उत्तम सेहत प्रदान करता है. पौष मास में अगर सूर्य की नियमित उपासना करे तो व्यक्ति पूरे साल स्वस्थ और संपन्न रहेगा. बता दें, इस बार पौष मास 09 दिसंबर से 07 जनवरी तक रहने वाला है. इस माह में सूर्य उपासना पुण्य फलदायी मानी गई है. 

सूर्य का ज्योतिष में महत्व

बताते चलें कि सूर्य हमारे जीवन में प्रकाश और ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है. सूर्य के बिना जीवन की कल्पना करना असम्भव है. ज्योतिष में सूर्य को व्यक्ति का प्राण कहते हैं. सूर्य से व्यक्ति जीवन के हर मामले में सफलता पा जाता है. व्यक्ति को सम्मान, उच्च पद,पिता का सुख सूर्य से मिलता है. सूर्य राज्य और राजकीय पद को भी नियंत्रित करता है. आंखों, हड्डियों और ह्रदय रोग की समस्या के पीछे सूर्य ही होता है. जानकारों की मानें तो इस महीने में वातावरण में होने वाले बदलावों के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए सूर्य उपासना ही सबसे उत्तम तरीका है.

पौष मास में कैसे करें सूर्य की उपासना ?

- रोज सुबह स्नान करने के बाद सूर्य को जल अर्पित करें. 

- तांबे के पात्र से जल अर्पित करें, जल में रोली और लाल फूल जरूर डालें. 

- सूर्य के मंत्र "ॐ आदित्याय नमः" का जाप करें. 

- इस माह नमक का सेवन कम से कम करें. 

जल देते हुए मंत्र भी पढ़ें

सूर्य उपासना में सबसे जरूरी है कि आप जल अर्पित करते समय सूर्य देव के मंत्रों का जाप जरूर करें. पूजन के समय सूर्य के मंत्रों से आराधना करने मात्र से प्रसन्न हो जाते हैं सूर्य देव.

सूर्य उपासना के महामंत्र

-ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा

-ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ

-ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः 

-ॐ सूर्याय नम: 

-ॐ घृणि सूर्याय नम:

पौष माह में कैसा रखें खान-पान?

-खाने-पीने में मेवे और चिकनी चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं.

-बहुत ज्यादा तेल या घी का प्रयोग भी उत्तम नहीं होगा. 

-चीनी की जगह गुड़ का सेवन करें.  

-पौष में अजवाइन, लौंग और अदरक का सेवन लाभकारी होता है. 

-ठंडे पानी का प्रयोग, नहाने में गड़बड़ी और ज्यादा खाना ठीक नहीं.