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Paush Purnima 2022: पौष पूर्णिमा पर है स्नान-दान का विशेष महत्व, मोक्ष की इच्छा रखने वालों के लिए खास पर्व

पौष पूर्णिमा पर सूर्योदय से पहले ब्रह्म मुहूर्त में जगना चाहिए. भगवान के नाम का स्मरण करते हुए पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए. ऐसा संभव न हो तो पानी में गंगाजल मिलाकर नहाएं. स्नान करने के बाद यथासंभव दान करना चाहिए. इस दिन दान करने का बहुत महत्व है. पूजा पाठ करने के बाद तीर्थ दर्शन करें. इसका भी विशेष फल मिलता है.

पौष पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है पौष पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है
हाइलाइट्स
  • पौष पूर्णिमा पर सत्यनारायण भगवान की पूजा करें

  • पौष पूर्णिमा पर तीर्थ दर्शन का विशेष महत्व है

सोमवार यानि 17 जनवरी को पौष महीने का आखिरी दिन है. इसी दिन पूर्णिमा मनाया जाएगा. इस दिन का खास महत्व है. पौष पूर्णिमा पर स्नान-दान का विशेष महत्व होता है. पुराणों में इस बात का जिक्र है कि मोक्ष की इच्छा रखने वालों के लिए यह बहुत ही खास पर्व है. पूरे मन से पूजा-अर्चना करने पर पितरों को भी मोक्ष मिलता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए और इससे सारे पाप धुल जाते हैं.

पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष महत्व
पौष पूर्णिमा पर सूर्योदय से पहले ब्रह्म मुहूर्त में जगना चाहिए. भगवान के नाम का स्मरण करते हुए पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए. ऐसा संभव न हो तो पानी में गंगाजल मिलाकर नहाएं. स्नान करने के बाद यथासंभव दान करना चाहिए. इस दिन दान करने का बहुत महत्व है. पूजा पाठ करने के बाद तीर्थ दर्शन करें. इसका भी विशेष फल मिलता है.

इस दिन दान करने से कभी खत्म नहीं होता फल
ज्योतिषाचार्य नागेंद्र पांडेय का कहना है कि पौष पूर्णिमा पर जो भक्त स्नान-दान करते हैं उसका फल कभी खत्म नहीं होता है. भक्त काशी, हरिद्वार और प्रयाग में स्नान करने जाते हैं. तीनों जगहों पर पौष पूर्णिमा के दिन स्नान करने का विशेष महत्व है. पौष पूर्णिमा 17 जनवरी को सुबह 3 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगा और 18 जनवरी को सुबह 5 बजकर 17 मिनट पर समाप्त तहोगा. साधु-संत उदया तिथि मानते हैं. इसलिए उगते सूर्य के साथ 17 जनवरी को ही पौष पूर्णिमा मनाया जाएगा.

सत्यनारायण भगवान की पूजा करें
वैसे तो सभी पूर्णिमा पर सत्यनारायण भगवान की पूजा करने का महत्व है लेकिन पौष पूर्णिमा पर इसका खास महत्व है. इस दिन सत्यनारायण भगवान की पूजा करने पर विशेष फल की प्राप्ति होती है. शाम में भगवान सत्यनारायण की कथा का पाठ करें. सबसे पहले गणेश जी और सभी देवी-देवताओं की पूजा करें. भगवान को भोग लगाएं. संभव हो तो दिनभर उपवास रखें. पूजा के बाद भक्तों को प्रसाद वितरण करें.