उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माघ मेले का दूसरा स्नान पर्व पौष पूर्णिमा पर हो रहा है. ब्रह्म मुहूर्त से ही कड़ाके की ठंड के बावजूद श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. आज सुबह के समय 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने यहां आस्था की डुबकी लगाई है. पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व से कल्पवास की भी शुरुआत होती है.
पौष पूर्णिमा पितरों की पूर्णिमा मानी जाती है. आज के दिन गंगा में आस्था की डुबकी लगाने से पूरे साल मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. संगम की रेती पर बने तंबूओं में कल्पवासी एक माह तक कठिन तप और जप करते हैं. पौष पूर्णिमा से माघी पूर्णिमा तक कल्पवास का क्रम चलता है. माघी पूर्णिमा पर स्नान कर कल्पवासी आध्यात्मिक ऊर्जा बटोर कर वापस घर लौटते हैं.
पहली बार AI का इस्तेमाल
माघ मेला क्षेत्र में 4000 रनिंग फीट से ज्यादा के घाट बनाए गए हैं. माघ मेला 768 हेक्टेयर में 6 सेक्टर में बसाया गया है. माघ मेले में पहली बार 6 पान्टून ब्रिज बनाए गए हैं. पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का माघ मेले में प्रयोग हो रहा है. माघ मेले को पूरी तरह से प्लास्टिक फ्री घोषित किया गया है. 100 किलोमीटर चकर्ड प्लेटें बिछाकर सड़कें बनाई गई हैं. 200 किलोमीटर की पाइपलाइन और 65 किलोमीटर ड्रेनेज पाइपलाइन व 21 हजार शौचालय बनाए गए हैं.
माघ मेले में ठंड के मद्देनजर नजर अलाव और 2000 श्रद्धालुओं के लिए रैन बसेरे का इंतजाम किया गया है. पौष पूर्णिमा के स्नान पर्व पर 20 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है. सुरक्षा के लिए भी चाक चौबंद इंतजाम किए गए हैं. पुलिस, पीएसी, पैरामिलिट्री के साथ एटीएस और एसटीएफ की तैनाती की गई है. स्नान घाटों पर जल पुलिस, गोताखोर, फ्लड कंपनी पीएसी एनडीआरएफ और एसडीआरएफ तैनात की गई है. पूरे माघ मेला क्षेत्र की सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन से निगरानी होगी.
8 मार्च तक चलेगा माघ मेला
स्नान पर्व के मद्देनजर ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान बनाया गया है, ताकि माघ मेले में आने वाले श्रद्धालु बगैर किसी परेशानी के स्नान कर वापस लौट सकें. पुलिस कर्मियों समेत माघ मेले की तैयारी में लगे सभी कर्मियों की ब्रीफिंग की गई है. पुलिस को श्रद्धालुओं, साधु-संतों और कल्पवासियों से अच्छे व्यवहार की नसीहत दी गई है. 8 मार्च महाशिवरात्रि के पर्व तक संगम की रेती पर माघ मेला चलेगा. माघ मेला 2025 के महाकुंभ का रिहर्सल भी माना जा रहा है.
(आनंद राज की रिपोर्ट)