पूरे साल ज्येष्ठ के महीने में पड़ने वाले मंगलवार के दिन भगवान हनुमान की उपासना परम पुण्यकारी बताई गई है. इस दिन महादेव की उपासना का बहुत महत्व है. ज्योतिषी कहते हैं कि भौम प्रदोष के दिन शिव की उपासना के साथ हनुमान जी की उपासना करने से नकारात्मक शक्तियां का अंत हो जाता है. हर माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत की तिथि आती है. एक माह में दो प्रदोष व्रत होते हैं. एक शुक्ल पक्ष और एक कृष्ण पक्ष में आता है. भौम प्रदोष की उपासना में शिव जी और हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है.
भौम प्रदोष व्रत की शक्ति ऐसी है कि यह जीवन में सभी बाधाओं और नकारात्मक शक्तियों को दूर करती है और आसपास के वातावरण को भी शुद्ध करता ह. एक ऐसी तिथि जब आप देवों के देव महादेव और उन्हीं के रुद्रावतार कहे गए बजरंगबली के आगे अपनी अर्जी लगा सकते हैं. ज्योतिष ये भी कहते हैं कि अपने खास परेशानियों के लिए भौम प्रदोष के दिन कुछ खास प्रयोग किए जाते हैं.
भौम प्रदोष की पूजन विधि
संध्या काल में स्नान करने के बाद संध्या-वंदना करें. भगवान शिव की पूजा करें. घर के ईशान कोण में शिव जी की स्थापना करें. शिव जी को पुष्प,धूप,दीप,नैवेद्य अर्पित करें कुश के आसन पर बैठकर शिव जी के मंत्रों का जाप करें. ‘ओम नमः: शिवाय’ या फिर महामृत्युंजय मंत्र का जाप सर्वोत्तम होगा. अपनी समस्याओं के अंत होने की प्रार्थना करें. निर्धनों को भोजन कराएं. शिव की पूजा प्रदोष काल में कर लें तो और भी उत्तम होगा. शाम के समय हनुमान चालीसा का पाठ करना भी लाभदायी होगा. भौम प्रदोष के दिन मंगल ग्रह के बुरे प्रभावों से होने वाली समस्याएं भी समाप्त होती हैं. कुंडली में अगर मंगल दोष हो तो उस भी भौम प्रदोष के दिन हनुमान जी की पूजा लाभदायी होती है. चलिए आपको बताते हैं कि मंगल दोष की समस्या अगर हो तो कैसे आप उससे मुक्ति पा सकते हैं.
असाध्य रोगों से मुक्ति के लिए करें ये उपाय
असाध्य रोगों से मुक्ति का उपाय लाल वस्त्र धारण करके हनुमान जी की उपासना करें. हनुमान जी को लाल फूलों की माला चढ़ाएं, दीपक जलायें और गुड़ का भोग लगायें. इसके बाद संकटमोचन हनुमानाष्टक का 11 बार पाठ करें गुड़ का भोग बांटे और ग्रहण करें. कर्ज मुक्ति के लिए उपाय कर्ज मुक्ति का प्रयोग भौम प्रदोष की रात्रि को करें रात्रि को हनुमान जी के समक्ष घी का दीपक जलाएं. इस दीपक में नौ बातियां लगाएं, हर बाती जलाएं इसके बाद हनुमान जी को उतने लड्डू अर्पित करें. जितनी आपकी उम्र है "हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट" का 11 माला जप करें सारे लड्डू बांट दें.
प्रदोष व्रत में किन सावधानियों का पालन करें ?
फल और जल पर ही उपवास रखें , अन्न खाने से बचें - शिव जी के साथ पार्वती जी का भी पूजन करें. शिव जी को केतकी , केवडा अर्पित न करें. अगर उपवास न रखें तो सात्विक आहार ग्रहण करें. परेशानी कोई भी हो, बाधा कैसी भी हो शिव की कृपा से हर मुश्किल आसान हो सकती है.