scorecardresearch

Pitra Paksh 2023: विदेश में रहने वाले लोगों के लिए शुरू हुआ ऑनलाइन पिंडदान...ऑनलाइन बुकिंग भी चालू

डिजिटल की ओर बढ़ते इस कदम का अब प्रयोग धार्मिक चीजों में भी इस्तेमाल होने लगा है. संगम में ऑनलाइन शुरू हुआ पिंडदान.प्रयागराज संगम में पिंडदान कराने के लिए लोग विदेश से ऑनलाइन बुकिंग करा रहे हैं.

Pitra Paksh 2023 Pitra Paksh 2023

अपने पितरों की तृप्ति और मुक्ति के पखवारे पितृ पक्ष की शुरुआत हो चुकी है. यूपी के संगम नगरी प्रयागराज में भी देश के हर कोने से आकर बड़ी तादाद में श्रद्धालु पिंडदान के लिए पहुंच रहे हैं. लेकिन इस बार बहुत से ऐसे भी श्रद्धालु है जो भारत से जाकर दूसरे देशों में रहने लगे हैं और अपनो को खोया है. ये अब किसी कारण वश अगर अपनों का पितर पक्ष में पिंडदान करने यूपी के प्रयागराज संगम नहीं आ पा रहे हैं तो ऐसे में दूसरे देश में रहने वाले भारतीय अब प्रयागराज में ऑनलाइन पिंडदान का सहारा ले रहे हैं. बाकायदा संगम नगरी प्रयागराज के तीर्थ पुरोहितों के पास डिजिटल तरीके से ऑन लाइन कर्मकांड के लिए वेबसाइट पर जाकर बुकिंग किया है. स्थानीय तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि इसके लिए तीर्थ पुरोहित समाज में बाकायदा इसकी पिंड दान के लिए बुकिंग की वेबसाइट से लेकर उन्हें ऑनलाइन कर्मकांड की प्रक्रिया का हिस्सा बनाने के इंतजाम भी किया है.     

डिजिटली होगा पिंडदान
भारत अब डिजिटल भारत की ओर बढ़ रहा है और हर जगह या हर कामकाज में डिजिटल तरीके से लेनदेन और काम करने की शैली को अपनाया जा रहा है. बैंकों में डिजिटल तरीके को कामकाज में तब्दील किया गया उसके बाद छोटी से बड़ी दुकानों में भी अब डिजिटल तरीके से काम के जरिए पैसा लेनदेन भी शुरू हो चुका है. लेकिन डिजिटल की ओर बढ़ते इस कदम का अब प्रयोग धार्मिक चीजों में भी इस्तेमाल होने लगा है. क्योंकि जब कोरोना कॉल आया तो लोग अपने को पिंडदान करने नहीं जा सके तो अपने घर बैठे ही संगम पर अपनों का पिंडदान तीर्थ पुरोहितों के जरिए करवाया था.

वेबसाइट पर जाकर करवाई बुकिंग
कॉविड-19 के संक्रमण का खतरा जब समाप्त हुआ तो इसमें कमी भी आई लेकिन एक बार फिर से अपनों के कर्म कांड में भी डिजिटल तरीके का इस्तेमाल देश के बाहर रहने वाले कर रहे है. प्रयागराज के रहने वाले तीर्थ पुरोहितों के पास इस बार पितृ पक्ष में डिजिटल तरीके से अपनों के पिंडदान के लिए बाकायदा बनाए गई वेबसाइट पर देश के बाहर रहने वाले भारतीयों ने ऑनलाइन बुकिंग के लिए जस्ट डायल और पिंडदान डॉटकॉम वेबसाइट पर जाकर बुकिंग कराया है. इस बार अपनों के पिंडदान के लिए भारत छोड़ विदेश में बसने वाले हालैड से श्री रामकृष्ण ,मारिशस से अजय मिश्रा ,कनाडा से श्री रामानन्द शिव कुमार ने ऑनलाइन बुकिंग कराई है. वही प्रयागराज के तीर्थ पुरोहित प्रदीप कुमार पांडे के मुताबिक अभी तो आठ लोगों की बुकिंग हुई है जिसमें से तीन लोगों का कंफर्म हो गया है. अभी कई लोगों के लिए बुकिंग के लिए आई है लेकिन कंफर्म नहीं हुआ है. तीर्थ पुरोहित प्रदीप के मुताबिक पिंडदान की प्रक्रिया वीडियो कॉल के जरिए किया जाएगा. इसके अलावा दक्षिण की राशि भी ऑनलाइन फोन के जरिए दी जाएगी.

क्या है मान्यता?
पितरों की आत्मा की शांति के लिए और मोक्ष के प्राप्ति के लिए पितृपक्ष में पिंडदान की परंपरा केवल प्रयागराज काशी और गया में है. यह कहा जाता है की पितरों के पिंडदान और श्रद्धा कम की शुरुआत प्रयागराज में क्षौर कर्म से होती है. पितृपक्ष में हर साल काफी संख्या में सभी पिंडदान के लिए प्रयागराज संगम पहुंचते हैं. पितृ मुक्ति का पहला अहम दरवाजा कहा जाने के कारण संगम में पिंडदान और श्राद्ध कर्म का खाश महत्त्व है. यूपी के प्रयागराज संगम पर जाकर पिंडदान करने से भगवान विष्णु के साथ तीर्थराज प्रयाग में वास करने वाले सभी देवी-देवता भी पितरों को मोक्ष प्रदान करते हैं.

(गुड न्यूज टुडे चैनल को WhatsApp पर फॉलो करें)