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चारधाम यात्रा की तैयारियां जोरों पर, 30 अप्रैल से शुरू होगी पवित्र यात्रा, प्रशासन ने किए व्यापक इंतजाम

इस पवित्र यात्रा में अब एक महीने से भी कम समय बचा है, जिसके लिए 20 मार्च से रजिस्ट्रेशन भी शुरू हो चुका है. 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे. इसके साथ ही इसी दिन यमुनोत्री धाम में भी यात्रा शुरू हो जाएगी.

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हाइलाइट्स
  • 30 अप्रैल से शुरू होगी पवित्र यात्रा

  • चारधाम यात्रा की तैयारियां

देवभूमि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. 30 अप्रैल से शुरू हो रही इस पावन पवित्र यात्रा को लेकर शासन और प्रशासन की तरफ से तमाम इंतजाम किए जा रहे हैं. शीतकाल के बाद एक बार फिर से अब चारों धाम के कपाट भक्तों के लिए खुलने जा रहे हैं. चुकी इस पवित्र यात्रा में शामिल होने के लिए देश के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु देवभूमि पहुंचते हैं. ऐसे में यहाँ श्रद्धालुओं के सफर को सुगम बनाने के लिए जोरों पर तैयारियां चल रही हैं.

बद्रीनाथ धाम मार्ग पर तैयारियां
चमोली जिले में पड़ने वाले बद्रीनाथ धाम मार्ग को दुरुस्त किया जा रहा है. जिले के डीएम संदीप तिवारी चारधाम यात्रा मार्गों का लगातार निरीक्षण कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "जिला प्रशासन और पुलिस की टीम ने संयुक्त रेकी की है. वैद्यनाथ धाम की तो जो भी नुकसान बर्फबारी से हुआ था, इस सीज़न में उसका आंकलन किया है. पीडब्ल्यूडी, जल संस्थान, पर्यटन विभाग जितने भी विभाग यहाँ काम करते हैं, सबके कॉन्ट्रैक्टर्स और लेबर मोबलाइज़ हो गए हैं. काम स्टार्ट हो गया है. और क्योंकि अब एक महीने के भी कम का समय हमारे पास है तो हमारा प्रयास है कि इसको तीव्र गति के कार्य को पूर्ण किया जाए ताकि श्रद्धालुओं को एक सुगम सुचारू यात्रा का अनुभव हो सके."

स्वास्थ्य और सुरक्षा पर विशेष ध्यान
वैसे तो हर बार चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं के लिए व्यापक इंतजाम किए जाते हैं, लेकिन इस बार श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य के साथ-साथ तमाम मूलभूत सुविधाओं पर खास ध्यान दिया जा रहा है. मसलन चारधाम यात्रा मार्ग पर बिजली, पानी और कम्यूनिकेशन की व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है. बर्फबारी की वजह से क्षतिग्रस्त हुई दर्शन लाइन पर काम चल रहा है. और सुरक्षा के लिहाज से 26 एमएलडी सीवर टैंक पर सुरक्षा दीवार बनाई जा रही है.

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पुरोहितों के लिए आवास और श्रद्धालुओं के लिए अस्थाई अस्पताल बनाए जा रहे हैं. दर्शन लाइन पर बुजुर्ग तीर्थयात्रियों के बैठने की भी व्यवस्था की जा रही है. और धाम में क्राउड मनेजमेंट और टोकन सिस्टम के लिए काउंटर लगाए जा रहे हैं. ये तमाम इंतजाम सिर्फ बद्रीनाथ धाम में किए जा रहे हैं, जबकि केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री में भी यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए विशेष तैयारियां चल रही हैं.

यात्रा की तिथियां और महत्व
क्योंकि इस पवित्र यात्रा में अब एक महीने से भी कम समय बचा है, जिसके लिए 20 मार्च से रजिस्ट्रेशन भी शुरू हो चुका है. 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे. इसके साथ ही इसी दिन यमुनोत्री धाम में भी यात्रा शुरू हो जाएगी. जबकि 2 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे और आखिर में 4 मई को बद्रीनाथ धाम में भक्त दर्शन पूजन कर सकेंगे. ज़ाहिर है प्राणों में भी चारधाम यात्रा का बड़ा महत्त्व बताया गया है और कहा जाता है कि चारों धामों की यात्रा करने से श्रद्धालुओं को मोक्ष की प्राप्ति होती है.