संगम की रेती पर 14 जनवरी से तंबुओं का शहर बसने जा रहा है. दो माह तक लगने वाला ये धार्मिक मेला इस बार कोरोना के साये में लगेगा. संगम नगरी प्रयागराज में लगने वाले सालाना धार्मिक मेला ‘माघ मेला’ की तैयारियां तेजी से की जा रही हैं. कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच 14 जनवरी से लगने वाला मेला प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती भी बना हुआ है. वही साधु संत भी मेले में आने लगे है. मेला प्रशासन ने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी रखा गया है.
मेले के लिए की गई है एडवाइजरी जारी
हालांकि, प्रशासन ने कोविड के बढ़ते मामलों को लेकर एडवाइजरी जारी कर दी है और आने वाले श्रद्धालुओं के लिए मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है. मेले में 16 प्रवेश द्वारों पर आने वाले श्रद्धालुओं की थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था की जाएगी. भीड़ न हो इसके लिए मेले में स्नान के लिए 24 घाट बनाये गए है.
वहीं, एक महीने तक कल्पवास करने वाले कल्पवासियों को भी अपनी 72 घंटे की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट लेकर आना अनिवार्य होगा. साथ ही जो इसे नहीं करवा पायेगा उसका आरटी-पीसीआर टेस्ट खुद प्रशासन करवाएगा और निगेटिव आने पर ही मेले में रहने की अनुमति मिल सकेगी. एडवाइजरी के मुताबिक, न मानने वालों पर सख्ती भी की जाएगी.
मकर संक्रांति का महत्व
तीर्थ पुरोहितों के मुताबिक, मकर संक्रांति पर सूर्य मकर राशि पर प्रवेश करता है. इस पर कहा जाता है ‘माघ मकर रवि गति जब होई तीरथ पति आव सब कोई, देव् दनुज किन्नर नर श्रेणी सादर मज्जई शकल त्रिवेणी’. इस दिन श्रद्धालु खिचड़ी, तिल, गुड़ का दान करते हैं और पूजा पाठ करते हैं. मेले में आए साधु संत भी कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने की बात कह रहे हैं.
स्नान | तारीख |
मकर संक्रांति | 14 जनवरी 2022, शुक्रवार |
पौष पूर्णिमा | 17 जनवरी 2022, सोमवार |
मौनी अमावस्या | 1 फरवरी 2022, मंगलवार |
बसंत पंचमी | 5 फरवरी 2022, शनिवार |
माघी पूर्णिमा | 16 फ़रवरी 2022, बुधवार |
महाशिवरात्रि | 01 मार्च 2022, मंगलवार |
आपको बता दें, मेला सकुशल संपन्न हो जाए इसके लिए पांच हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे और 13 थाने और उनके अंतर्गत 36 पुलिस चौकियां बनाई जाएंगी. जल पुलिस, ट्रैफिक पुलिस और महिला पुलिस के अलावा तमाम सुरक्षा एजेंसियां भी सक्रिय रहेंगी.
(पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट)