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मथुरा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए जारी हुआ QR Code, मिलेगी पार्किंग से लेकर मंदिरों की एक-एक जानकारी

मथुरा और वृंदावन जाने वाले भक्तों के लिए अब एक नई सुविधा शुरू की गई है. प्रशासन ने एक विशेष क्यूआर कोड जारी किया है, जिसे स्कैन करके आप मंदिरों, पार्किंग और भीड़भाड़ की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं.

अगर आप भी मथुरा या वृंदावन जाने का प्लान कर रहे हैं तो आपके लिए एक गुड न्यूज है. यहां अब आपको मोबाइल के एक क्लिक में मथुरा के मंदिरों से लेकर पार्किंग और वहां की भीड़भाड़ की जानकारी काफी आसानी से मिल जाएगी. इसके लिए आपको सिर्फ क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा. फागुन का महीना है और हर तरफ होली के रंग बिखरे हैं. कान्हा की नगरी की फिजा में बिखरा अबीर और गुलाब होली की मस्ती को दोगुना कर देता है.

जारी किया गया विशेष क्यूआर कोड
उत्सव और उल्लास के इस माहौल की अभी तो शुरुआत हुई है. दिन बीतते जाएंगे, होली नजदीक आती रहेगी और भक्तों की भीड़ मथुरा के सड़कों पर बढ़ने लगेगी. ऐसे में कान्हा के भक्तों के लिए अब एक और सुविधा शुरू की गई है. अब चाहे मंदिर पहुंचने का रास्ता हो या फिर मंदिर में भक्तों की भीड़ और दर्शन का सही समय पता करना हो, सिर्फ एक क्लिक में पूरी जानकारी आपके मोबाइल स्क्रीन पर मौजूद होगी.

प्रशासन ने भक्तों की परेशानी को दूर करने के लिए एक विशेष क्यूआर स्कैन कोड जारी किया है. जिसको स्कैन कर आप पूरी जानकारी पलभर में हासिल कर सकते हैं. प्रदेश से देश है बल्कि विदेशों से श्रद्धालु यहां आते है. लट्ठमार होली देखने के लिए तो उसकी तैयारी करने में प्रशासन लगा हुआ है और क्योंकि सबसे ज्यादा ट्रैफिक और रूट को लेकर के समस्या रहती है.

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पार्किंग करने में नहीं होगी दिक्कत
मथुरा पुलिस के द्वारा डीआईजी साहब ने एक क्यूआर कोड स्कैनर गूगल लोकेटर से लिंक करते हुए लॉन्च किया है. जिससे कोई भी श्रद्धालु यहां आए तो उसको पता हो की कौनसी पार्किंग में कितनी जगह है. देश विदेश से श्रद्धालु कान्हा की नगरी में अपने आराध्य राधा कृष्ण से होली खेलने के लिए पहुंच रहे है. उन्हीं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने क्यूआर कोड तैयार किया है. इसके अलावा यात्रियों की सुविधा है.

तैयार की गई वेबसाइट
ब्रज होली के दौरान मार्क पार्किंग डायवर्जन और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने के लिए एक विशेष वेबसाइट बनाई गई है. इस बार पूरे जनपद में होली के दौरान लोग पार्किंग की व्यवस्था के लिए तकनीक का विशेष इस्तेमाल कर रहे हैं. सारे पार्किंग वेबसाइट पर चिन्हित हैं और बाहर से आने वाले श्रद्धालु जब उस को एक्सेस करेंगे तो उनको सारी पार्किंग की डीटेल्स मिलेंगे. इससे उनको अंदाजा रहेगा कि कहां जाना है, किस रूट में जाना है, कौन कौन से रूट प्रतिबंधित है, कहां-कहां डायवर्सन है?