राजस्थान के पाली में सादड़ी के पास एक प्रसिद्ध सूर्य मंदिर है, जिसे सूर्य नारायण मंदिर के नाम से जाना जाता है. यह सूर्य मंदिर, नागर शैली में सफेद संगमरमर से बना है. सुंदर सूर्य नारायण मंदिर भगवान सूर्य को समर्पित मंदिर है, जो अपने अद्वितीय और अद्भुत वास्तुशिल्प डिजाइन के लिए जाना जाता है. यह सूर्य मंदिर दुनियाभर से भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करता है.
दीवारों पर की गयी नक्काशियां भगवान सूर्य से सम्बन्धित विभिन्न दृश्यों को दर्शाती हैं. यहां पर भगवान सूर्य का अपने सात घोड़ों वाले रथ में सवार होने वाला दृश्य है. भारतीय वास्तुकला का अनुपम उदाहरण इस मंदिर के लिए ऐसा कहा जाता है कि इसका निर्माण 15वीं सदी में किया गया था.
महाराज कुंभा के वंशज ने बनवाया
इस सूर्य मंदिर की दीवारों पर योद्धाओं, घोड़ों और देवताओं की प्रतिमाओं की अद्भुत नक्काशी हुई है, जो उस युग के लोगों की कलात्मक उत्कृष्टता का प्रतिनिधित्व करती है. इसके गर्भगृह से पहले एक अष्टकोणीय मंडप है. अष्टकोणीय मंडप में छह बरामदे हैं. यह मंदिर रणकपुर से भी प्राचीन मंदिर है. बताया जाता है कि इसको महाराज कुंभा के वंशज ने बनाया था.
इस मंदिर के अंदर सूर्य देव की मूर्ति है. मंदिर के पुजारी बताते हैं कि सूर्य देव की मूर्ति लगभग एक हजार साल पुरानी है जबकि मंदिर लगभग 600 साल पुराना है. इस मंदिर में चारों और कुल 434 घोड़े हैं. पांच और सात के समुह में बने इन घोड़ों पर देवता विराजमान हैं.
(भारत भूषण जोशी की रिपोर्ट)