scorecardresearch

Raksha Bandhan 2024: 19 अगस्त को है रक्षाबंधन, भाई की कलाई पर राखी बांधते समय बहनें किन बातों का रखें ध्यान, जानें गलत मुहूर्त में Rakhi बांधना क्यों माना जाता है अशुभ

Rakhi Shubh Muhurat: 18 अगस्त 2024 को रात में भद्राकाल प्रवेश कर रहा है, जो 19 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 32 मिनट तक रहेगा. इसके बाद ही आप राखी बांध सकते हैं. राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 19 अगस्त 2024 को दोपहर 01:32 बजे से लेकर रात 09:07 बजे तक है.

Raksha Bandhan 2024 Raksha Bandhan 2024
हाइलाइट्स
  • राखी बांधते समय बहन का मुख पश्चिम और भाई का मुख पूर्व दिशा या उत्तर की ओर होना चाहिए

  • रक्षाबंधन के दिन भाई-बहन को नहीं पहनने चाहिए काले रंग के कपड़े 

भाई-बहन का त्योहार रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) हर साल सावन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को धूमधाम से मनाया जाता है.

बहन इस दिन भाई की कलाई पर राखी बांधकर उसकी तरक्की की कामना करती हैं तो वहीं भाई अपनी बहन को रक्षा का वचन देता है. इस साल 19 अगस्त दिन सोमवार को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा. आइए जानते हैं राखी बांधते समय बहनों के किन बातों का रखना चाहिए ध्यान और क्यों राखी (Rakhi) गलत मुहूर्त में बांधना माना जाता है अशुभ?

भद्राकाल में नहीं बांधे रखें
1. धार्मिक शास्त्रों में भद्राकाल (Bhadra Kaal) को अशुभ माना गया है. इस समय पर कभी भी राखी नहीं बांधनी चाहिए. 
2. ऐसा करने पर या तय समय के विपरीत राखी बांधने का नकारात्मक परिणाम भुगतना पड़ सकता है. 
3. गलत समय पर राखी बांधने से भाई-बहन के प्यार में कमी आ सकती है और कलह की स्थिति पैदा हो सकती है. 
4. बहन यदि भाई को गलत समय में राखी बांधती है तो ऐसे में भाई के जीवन पर इसका सबसे ज्यादा नकारात्मक असर देखने को मिलता है. 

सम्बंधित ख़बरें

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
18 अगस्त 2024 को रात में भद्राकाल प्रवेश कर रहा है, जो 19 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 32 मिनट तक रहेगा. इसके बाद ही आप राखी बांध सकते हैं. राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 19 अगस्त 2024 को दोपहर 01:32 बजे से लेकर रात 09:07 बजे तक है. इस समय में बहनें अपने भाई को राखी बांध सकती हैं.

राखी बांधते समय इन बातों का रखें ध्यान 
1. रक्षाबंधन के दिन भाई-बहन को काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए.
2. राखी के लिए सामान को रखने के लिए स्टील की थाली या प्लेट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. 
3. स्टील का संबंध शनि से होता है. आप स्टील या एल्युमीनियम की जगह पीतल या तांबे की थाली या प्लेट का उपयोग कर सकती हैं.
4. भाई को जो राखी बांधनी है उसमें प्लास्टिक न हो तो ज्यादा अच्छा रहेगा. इसका संबंध राहु से होता है. 
5. राखी कच्चे सूत, रेशम आदि की बनी हो तो ठीक है. राखी न हो तो रक्षा सूत्र भी बांधा जा सकता है. 
6. रक्षाबंधन पर भाई को राखी बांधते समय दिशा का भी ध्यान रखना चाहिए. 
7. बहन का मुख राखी बांधते समय पश्चिम दिशा की ओर और भाई का मुख पूर्व दिशा या उत्तर की ओर होना चाहिए.
8. दक्षिण दिशा की ओर मुख करके भाई को नहीं बैठना चाहिए. यह दिशा यमराज की मानी जाती है, जिसका संबंध पितरों से होता है.
9. राखी के समय जब आप भाई को तिलक करती हैं तो उसके लिए रोली, चंदन, हल्दी, केसर आदि का उपयोग करें. गुलाल, सिंदूर के उपयोग से बचना चाहिए.
10. भाई के माथे पर तिलक, चंदन, रोली और अक्षत लगाने के बाद उसके दाएं हाथ में राखी को बांधना चाहिए.

पूजा की थाली में कौन-कौन सी सामग्री रखनी चाहिए 
1. रक्षाबंधन के दिन पूजा की थाली में कुमकुम को रखना चाहिए. कुमकुम तिलक मान-सम्मान का प्रतीक है. बहन कुमकुम का तिलक लगाकर भाई के प्रति सम्मान प्रकट करती हैं.
2. पूजा की थाली में चावल का होना जरूरी होता है. चावल शुक्र ग्रह से भी संबंधित है. शुक्र ग्रह के प्रभाव से ही जीवन में भौतिक सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है. तिलक लगाने बाद तिलक के ऊपर चावल भी लगाए जाते हैं. 
3. भाई को तिलक लगाने के बाद बहन उसके हाथ में नारियल देती है. नारियल को श्रीफल भी कहा जाता है. श्री यानी देवी लक्ष्मी का फल. यह सुख-समृद्धि का प्रतीक है. बहन भाई को नारियल देकर यह कामना करती है कि भाई के जीवन में सुख और समृद्धि हमेशा बनी रहे और वह लगातार उन्नति करता रहे. 
4. पूजा की थाली में राखी को रखना चाहिए. बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर भाई से उम्र भर रक्षा करने का वचन लेती हैं. 
5. पूजा की थाली में मिठाई भी होनी चाहिए. राखी बांधने के बाद बहन अपने भाई को मिठाई खिलाकर उसका मुंह मीठा करती है. मिठाई खिलाना इस बात का प्रतीक है कि बहन और भाई के रिश्ते में कभी कड़वाहट न आए. मिठाई की तरह यह मिठास हमेशा बनी रहे.
6. राखी बांधने के बाद बहन दीपक जलाकर भाई की आरती उतारती हैं. इस संबंध में मान्यता है कि आरती उतारने से सभी प्रकार की बुरी नजरों से भाई की रक्षा हो जाती है. 
7. गंगाजल से भरा कलश राखी की थाली रखना चाहिए. इसी जल को कुमकुम में मिलाकर तिलक लगाना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि इसी कलश में सभी पवित्र तीर्थों और देवी-देवताओं का वास होता है. इस कलश की प्रभाव से भाई और बहन के जीवन में सुख और स्नेह सदैव बना रहता है.

रक्षाबंधन बितने के बाद राखी का क्या करें
रक्षाबंधन के बाद राखी को अपनी कलाई पर कम से कम 21 दिनों तक अवश्य बांधे रखना चाहिए. यदि किसी कारण से ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो श्रीकृष्ण जन्माष्टमी तक तो अवश्य बंधे रहने दें. राखी हाथ से उतारने के बाद उस जगह पर रखना चाहिए जहां बहन से जुड़ी अन्य चीजें रखी हों.

इसे किसी पवित्र स्थान पर भी रख सकते हैं. अगले साल जब रक्षाबंधन का पर्व आ जाए तो पुरानी राखी को जल में प्रवाहित कर देना चाहिए. यदि राखी उतारते समय यह टूट जाए तो इसे किसी पेड़ के नीचे डाल दें. इसके साथ एक रुपए का सिक्का रख दें. इसे आप जल में प्रवाहित भी कर सकते हैं. ध्यान रखें राखी को किसी भी स्थिति में इधर-उधर नहीं फेंकना चाहिए.