अयोध्या के राम मंदिर में प्रभु श्रीराम के विराजने के बाद आज पहली रामनवमी मनाई गई. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से रामलला के जन्मोत्सव को दिव्य और भव्य तरीके से मनाने की तैयारियां की गई थी. करीब 500 साल के लंबे इंतजार के राम नगरी अयोध्या में प्रभु राम के जन्मोत्सव का ऐसा वैभव देखने को मिला. बता दें कि दोपहर 12 बजे रामलला के प्राकट्य और सूर्य तिलक होने के साथ ही जन्मोत्सव की शुरुआत हो गई. 5 सदी के बाद प्रभु राम की नगरी त्रेता युग के संस्कारों की गवाह बनी. राम मंदिर परिसर को रंग-बिरंगी लाइटों और फूलों से पहले ही सजाया गया था.
दुल्हन की तरह सजी है अयोध्या
रामलला के जन्मोत्सव पर सुबह से ही लाखों श्रद्धालु राम मंदिर में अपने आराध्य प्रभु श्री राम के दर्शन-पूजन कर रहे हैं. सुबह से ही रामलला की झलक पाने के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ा हुआ है. भव्य मंदिर बनने के बाद पहली बार अयोध्या रामनवमी का उत्सव मना रही है. इसके लिए पूरी अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया गया है. राम मंदिर फूलों से महक रहा है. रामनवमी के शुभ अवसर पर दोपहर 12 बजकर 16 मिनट पर रामलला का सूर्य तिलक हुआ.
दिखा अद्भुत नजारा
रामलला की मूर्ति के सूर्य तिलक का नजारा अद्भुत था. ठीक 12 बजकर 16 मिनट पर रामलला की मूर्ति के ललाट पर पांच मिनट के लिए सूर्य की किरणें पड़ी. लेंस और शीशे से टकराकर किरणें रामलला के मस्तक तक पहुंची तो श्रद्धालु अपनी नजरे नहीं हटा पाए. सुबह में रामलला की आरती
की गई है खास तैयारी
रामनवमी के मौके पर राम मंदिर के कपाट भक्तों के लिए सुबह 3.30 बजे ही खोल दिए गए थे और आज रात 12 बजे तक भक्त रामलला के दर्शन कर सकेंगे. रामलला के सूर्य तिलक के दौरान भक्तों को भी राम मंदिर के भीतर जाने की मंजूरी दी गई थी. सूर्य तिलक के लिए मंदिर ट्रस्ट ने लगभग 100 एलईडी लगाई थी. जबकि सरकार की ओर से 50 एलईडी की व्यवस्था की गई थी. और इनके जरिए भक्तों को रामनवमी के जश्न को दिखाया गया.