उत्तर प्रदेश ही नहीं दुनियाभर में भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा का इंतजार हो रहा है. एक आंकड़े के तहत सिर्फ देश ही नहीं, पूरे विश्व के 5 लाख से ज्यादा मंदिर और वहां के अनुयायी, अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा देखना चाहते हैं. विहिप का कहना है कि विश्व के 55 देशों में फैले हिंदू समाज और 10 करोड़ ऐसे परिवार जिन्हें प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण मिला है, वो 22 जनवरी के दिन अपने घरों के पास बने मंदिरों को ही अयोध्या मानकर रामलला का स्वागत करेंगे.
पहली बार दर्शन पर ऐसे दिखेंगे राम लला
घुटनों के बल चलने वाले साल डेढ़ साल के रामलला की मूर्ति हम सभी ने देखी है. लेकिन जिस मूर्ति की स्थापना की जा रही है वह अपने आप में बेहद अनोखी ऐसे होगी. अयोध्या में पांच साल के रामलला की मूर्ति स्थापित हो रही है लेकिन इसकी हाइट सवा पांच फुट की होगी. विहिप के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने बताया कि रामलला पांच साल के हैं तो मूर्ति में बचपना, मुस्कुराहट और शरारत होगी. लेकिन भगवान राम की मूर्ति है और मूर्ति में ईश्वरतत्व के साथ वरद मुद्रा होगी.
लोगों से अपील की जा रही है कि 22 जनवरी के दिन सभी लोग मंदिर जाकर पूजा-पाठ करें. गोदी के बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक, हर कोई स्वागत में शामिल हो. यह वर्ल्ड कप का मैच नहीं है बल्कि 500 साल की बाद भगवान राम का गृह प्रवेश है. आलोक कुमार ने कहा कि पवित्र हृदय से अपनी कॉलोनी के मंदिर जाएं और वहां जाकर हनुमान चालीसा, राम जाप आदि करें. दोपहर 12:20 पर अभिजीत मुहूर्त में भगवान की आंखों से पट्टी हटाएंगे और फिर रामलला के दर्शन होंगे.
रथ से मंदिर की ड्योढी तक ऐसे जाएंगे राम लला
राम लला रथ पर सवार होंगे. नगर दर्शन करेंगे भ्रमण करेंगे और शाम को मंदिर की ड्योढी पर आ जाएंगे. इसके बाद, अगले दिन मंदिर के गर्भगृह में जाएंगे. यहां तरह-तरह की क्रियाएं होंगी जैसे वह जलवास करेंगे, फिर अन्नवास में रहना होगा, फिर फलवास करेंगे और इस तरह की कई प्रक्रियाओं के बाद अंजन होगा और फिर रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा हो जाएगा.
(राम किंकर सिंह की रिपोर्ट)