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इस बार 14 मार्च को मनाई जाएगी रंगभरी एकादशी होली, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

हिंदू धर्म में यूं तो सभी एकादशी का काफी महत्व होता है लेकिन रंगभरी एकादशी को सबसे खास माना जाता है. इस दिन शिव शादी के बाद पहली बार माता पार्वती को लेकर काशी आए थे.

रंगभरी एकादशी होली रंगभरी एकादशी होली
हाइलाइट्स
  • 14 मार्च को मनाई जाएगी रंगभरी एकादशी होली

  • इस दिन होती है शिव और माता पार्वती पूजा

इस बार रंगभरी एकादशी होली (Rangbhari Ekadashi Holi)14 मार्च को मनाई जाएगी. हिंदू कैलेंडर के मुताबिक यह हर साल शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथी को मनाई जाती है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती को पूजा जाता है, क्योंकि यह एकमात्र ऐसी होली है, जिसका संबंध भगवान शिव से होगा है.  इसे आमलकी एकादशी भी कहा जाता है. 

हिंदू धर्म में यूं तो सभी एकादशी व्रत को खास माना जाता है लेकिन, रंगभरी एकादशी की मान्यता सबसे ज्यादा होती है. इस दिन बाबा विश्वनाथ माता पार्वती के साथ नगर का भ्रमण करते हैं, इसी खुशी में रंग-गुलाल उड़ाए जाते हैं. 

रंगभरी एकादशी शुभ मुहूर्त 

  • रंगभरी एकादशी का शुभ मुहूर्त आरंभ- 14 मार्च, दोपहर 12: 07 मिनट से
  • रंगभरी एकादशी का शुभ मुहूर्त समाप्त-14 मार्च, दोपहर 12: 54 मिनट तक
  • रंगभरी एकादशी उदयातिथि के अनुसार 14 मार्च को मनाई जाएगी.
  • रंगभरी एकादशी का महत्व 

रंगभरी एकादशी के दिन भगवान शिव शादी के बाद पहली बार माता पार्वती को काशी लेकर आए थे. इस दौरान उन्होंने पूरे काशी का भ्रमण किया था और लोगों ने खुशी में रंग-गुलाल उड़ाए थे. माना जाता है कि तब से ही लोग इसे काफी धूम-धाम से मनाते हैं. इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा भी की जाती है. इस दिन पूजा करने से सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं. 

रंगभरी होली में कैसे करें पूजा 

  • रंगभरी होली में भगवान शिव और माता पार्वती पूजा की जाती है. इस दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान कर व्रत लेना चाहिए. 
  • अगर आप शिव मंदिर नहीं जा सकते तो आप घर पर ही भगवान शिव और माता पार्वती की तस्वीर रखकर पूजा कर सकते हैं. 
  • पूजा के दौरान घी का दिया जलाएं और शिवलिंग पर दूध अर्जित करें. 
  • जैसा की नाम से ही मालूम होता है कि इस दिन भगवान को रंग गुलाल भी चढ़ाया जाता है. 

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