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Ram temple Replica: 108 दिनों में बनकर तैयार हुआ राम मंदिर का Replica, जड़े हैं बेशकीमती रत्न

108 दिनों की मेहनत और सोने-चांदी-हीरे और मोती के 108 हिस्सों को अपनी भौगोलिक पहचान वाली काशी की गुलाबी मीनाकारी हस्तकला के जरिए हूबहू राम मंदिर की अनुकृति को तैयार करने का काम काशी के हस्तशिल्पी भाइयों कुंज बिहारी सिंह और लोकेश सिंह ने मिलकर तैयार किया है.

Replica of Ram temple Replica of Ram temple

अयोध्या में बनकर तैयार हुए भव्य राम मंदिर में प्रभु रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देशभर से सौगातों की झड़ी लगी हुई है. किसी श्रद्धालु ने अपनी तरफ से धूपबत्ती समर्पित की है तो किसी ने सोने चांदी और हीरे मोतियों से निर्मित बेशकीमती राम मंदिर की रिप्लिका भेंट की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के ज्योग्राफिकल इंडिकेशन वाली कला गुलाबी मीनाकारी के हस्तशिल्पियों ने राम मंदिर की हूबहू रिप्लिका को 108 दिनों में तैयार किया है. उनकी इच्छा है कि उनके सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने हाथों से इस बेशकीमती रिप्लिका को अयोध्या राम मंदिर को समर्पित करें.

हूबहू राम मंदिर की अनुकृति को किया गया तैयार
108 दिनों की मेहनत और सोने-चांदी-हीरे और मोती के 108 हिस्सों को अपनी भौगोलिक पहचान वाली काशी की गुलाबी मीनाकारी हस्तकला के जरिए हूबहू राम मंदिर की अनुकृति को तैयार करने का काम काशी के हस्तशिल्पी भाइयों कुंज बिहारी सिंह और लोकेश सिंह ने मिलकर तैयार किया है. खास बातचीत में इन्होंने बताया कि गुलाबी मीनाकारी का रंग मेटल ऑक्सीडेशन की प्रक्रिया के बाद आता है. अलग-अलग तरीके से अलग-अलग रंग खुद-ब-खुद बनकर तैयार होते हैं. वह छठी पीढ़ी है जो इस काम को कर रहे हैं. 

108 दिनों में बनकर तैयार हुआ
राम मंदिर की रिप्लिका को तैयार करने में 108 दिन लगे, लेकिन सबसे ज्यादा मुश्किल इसके 108 हिस्सों को जोड़ने में आ रही थी. लेकिन जैसे ही इन्होंने रिप्लिका के अंदर प्रभु राम की सोने की मूर्ति स्थापित की वैसे ही मुश्किल काम आसान हो गया और धीरे-धीरे 108 दिनों में पूरा हो गया. उन्होंने बताया कि इस रिप्लिका का साइज 12 फीट ऊंचा 8 फीट चौड़ा और 12 फिट लंबा बनाया गया है. इसको तैयार करने में डेढ़ किलो चांदी, 2 कैरेट डायमंड और अंदर लगी सोने की श्रीराम की मूर्ति का उनकी तरफ से आकलन नहीं किया गया है. दोनों भाइयों ने बताया कि राम मंदिर के इस रिप्लिका को वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों सेवा भाव से अयोध्या में भेंट कराना चाहते हैं. 

फिलहाल इसकी कीमत वह ₹500000 बता रहे हैं. रिप्लिका पर उकेरे गए नीले, आसमानी, फिरोजी और कमल के गुलाबी फूलों के बारे में उन्होंने बताया कि मेटल ऑक्सीडेशन के जरिए यह रंग बनते हैं. गुलाब का फूल मंदिर पर बनाने के पीछे उन्होंने वजह बताया कि यह हमारा राष्ट्रीय फूल है. इसलिए इसे राम मंदिर की रिप्लिका पर उकेरा गया है.