आज यानी 23 अक्टूबर को महानवमी है. इस दिन देशभर में देवी पूजन और हवन किया जाता है. इसके साथ ही कई जगहों पर कन्या भोज करवाया जाता है. कई जगहों पर इस दिन भी देवी विसर्जन की परंपरा है. इसके साथ ही अगले दिन यानी 24 अक्टूबर को विजयादशमी का त्योहार मनाया जाएगा. चलिए आपको बताते हैं कि दुर्गा विसर्जन और दशहरा के लिए शुभ मुहूर्त कब है.
विसर्जन का मुहूर्त-
इस साल दुर्गा विसर्जन के लिए महानवमी और दशहरा दोनों दिन मुहूर्त है. महानवमी के दिन मूर्ति विर्सजन के लिए दोपहर 12 बजे से 1.30 बजे तक और शाम 4.30 बजे से 6 बजे तक समय सबसे अच्छा है. जबकि 24 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 20 मिनट से दोपहर 1 बजकर 30 मिनट तक का समय मूर्ति विसर्जन के लिए शुभ है.
कब मनाया जाएगा दशहरा-
दशहरा का त्योहार हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है. हिंदू पंचांग के मुताबिक इस साल आश्विन मास शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि की शुरुआत 23 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 44 मिनट से होगी और 24 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 14 मिनट तक रहेगी. इस तरह उदयातिथि के मुताबिक इस बार 24 अक्टूबर को दशहरा का त्योहरा मनाया जाएगा.
रावण दहन का समय-
हिंदू पंचांग के मुताबिक रावण दहन का समय 24 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 35 मिनट से शुरू होगा और रात 8 बजकर 30 मिनट तक रहेगा.
विजय मुहूर्त-
दशहरा के दिन दोपहर 2 बजकर 5 मिनट से लेकर 2 बजकर 51 मिनट तक विजय मुहूर्त बन रहा है. दोपहर 1 बजकर 20 मिनट से लेकर 3 बजकर 37 मिनट तक अपराह्न मुहूर्त बन रहा है.
दशहरा पूजन विधि-
दशहरा के दिन सूर्योदय के पहले उठें और स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें. गेंहू और चुने से दशहरे की प्रतिमा बनाएं. गाय के गोबर से 9 गोले और 2 कोटरियां बनाएं. प्रतिमा के आगे केला, जौ और गुड़ अर्पित करें. इस दिन सफलता के लिए अपराजिता के पेड़ की पूजा का बड़ा महत्व है. दशहरा के दिन गरीबों की मदद करें.
विजयादशमी पर क्या करें-
दशहरा के दिन दान करना चाहिए. इसका शुभ फल मिलता है. दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन करना शुभ माना जाता है. इस दिन कामों बाधा को दूर करने के लिए अपराजिता के पौधे की पूजा करनी चाहिए. दशहरा के दिन ग्रह दोष को दूर करने के लिए शमी के पेड़ के नीचे दीपक जलाना चाहिए.
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