जम्मू में मौजूद तीर्थ स्थल वैष्णो देवी से श्रद्धालुओं के लिए गुड न्यूज आई है. अब तक यहां मंदिर पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 14 किमी का कठिन सफर तय करना होता था. कई श्रद्धालु अपने स्वास्थ्य की वजह से यह सफर कर भी नहीं पाते थे. लेकिन प्रशासन के नए फैसले के बाद ऐसे लोगों के लिए यह सफर आसान हो जाएगा.
क्या है वैष्णो देवी का नया प्रोजेक्ट?
वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अंशुल गर्ग ने खुलासा किया है कि मंदिर तक पहुंचने के लिए एक रोपवे (Ropeway) बनाया जाएगा. बोर्ड ने इस रोपवे प्रोजेक्ट (Vaishno Devi Ropeway Project) को मंजूरी दे दी है. उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों की बढ़ती हुई संख्या के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है.
गर्ग ने कहा, "जैसा कि आप जानते हैं, श्री माता वैष्णो देवी के तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ रही है. पिछले साल हमने देखा कि तीर्थयात्रियों की संख्या 95 लाख से अधिक हो गई. इस साल हम तीर्थयात्रियों की संख्या में सकारात्मक रुझान देख रहे हैं. हमें उम्मीद है कि भविष्य में यह संख्या बढ़ती रहेगी. इसे ध्यान में रखते हुए बोर्ड तीर्थयात्रा को आसान, अधिक आरामदायक और बेहतर बनाने के लिए काम कर रहा है."
उन्होंने कहा, "रोपवे परियोजना एक गेम चेंजर होगी. खासकर उन तीर्थयात्रियों के लिए जिन्हें मंदिर तक 13 किलोमीटर की खड़ी यात्रा करना चुनौतीपूर्ण लगता है. बोर्ड ने अंततः रोपवे परियोजना को लागू करने का निर्णय लिया है. रोपवे खासकर वरिष्ठ नागरिकों और उन लोगों के लिए मददगार साबित होगी जो शारीरिक बाधाओं या हेलिकॉप्टर की कमी के कारण यह मुश्किल सफर तय नहीं कर पाते हैं."
2027 तक पूरा हो सकता है प्रोजेक्ट
वैष्णो देवी में यह प्रोजेक्ट 2026 तक पूरा होने की संभावना है. और संभवतः 2027 तक श्रद्धालु इस केबल कार का इस्तेमाल कर सकेंगे. इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 350 करोड़ रुपए है. प्रोजेक्ट पूरा होने पर श्रद्धालु केबल कार में बैठकर कटरा से सांझी छत तक सफर कर सकेंगे.
इसके अलावा बोर्ड ने इस बात पर जोर दिया कि परियोजना के कार्यान्वयन के दौरान स्थानीय हितधारकों की चिंताओं पर विचार किया जाएगा. गर्ग ने बताया, "हम तीर्थयात्रा के अनुभव को बेहतर बनाते हुए स्थानीय लोगों सहित सभी की आकांक्षाओं को संबोधित करेंगे. यह प्रोजेक्ट यात्रा को सुगम और ज्यादा समावेशी भी बनाएगा."