जीवन में आने वाले संघर्षों को दूर करने के लिए रुद्राक्ष के इस्तेमाल अचूक माना जाता है. अगर आपको शनि परेशान करते हैं, और आपको शनि के कष्टों से दो चार होना पड़ रहा है तो आपके लिए रुद्राक्ष ब्रह्मास्त्र साबित हो सकता है . रुद्राक्ष पास हो तो कोई भी नकारात्मक ऊर्जा परेशान नहीं करती है. रुद्राक्ष शारीरिक और मानसिक ऊर्जा को सकारात्मक बनाता है. रुद्राक्ष एक सुरक्षा कवच की तरह काम करके परेशानियों दूर करता है. काम बनने में बाधा आ रही हो तो रुद्राक्ष धारण करना लाभकारी होता है. शनि अपने गुरु शिव के भक्तों पर अपनी टेढ़ी दृष्टि कम ही डालते हैं.
नकारात्मक शक्तियों को करता है दूर
चमत्कारी शक्तियों से भरा शिव के प्रिय रुद्राक्ष की शक्ति भले आपको अपनी आंखों से ना दिखाई देती हो लेकिन ज्योतिषी कहते हैं कि रुद्राक्ष की शक्ति रत्नों की शक्ति से कहीं ज्यादा है. नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव रुद्राक्ष धारण करने वाले के लिए शून्य है. रुद्राक्ष की शक्ति ऐसी है कि जब आप वो पहनते हैं तो आपको उस शक्ति के होने का अहसास होता है और जब वो अहसास आपके अंदर आता है तो आपको ऐसी शक्ति देता है जिसे नकारात्मक शक्तियां भय खाती हैं. अगर आपको शनि के कष्टों से दो चार होना पड़ रहा है तो रुद्राक्ष आपके लिए परम फलदायी साबित हो सकता है. चलिए हम आपको बताते हैं कुंडली में अगर शनि का कोई अशुभ योग हो तो कैसे आप रुद्राक्ष की मदद ले सकते हैं.
नौकरी के लिए धारण करें ये रुद्राक्ष
नौकरी,रोजगार में परेशानी हो तो दस मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए. 10 मुखी रुद्राक्ष शनिवार को लाल धागे में गले में धारण करें एक साथ तीन , दस मुखी रुद्राक्ष धारण करना विशेष लाभकारी होगा. सेहत की दिक्कतें हो तो शनिवार को गले में आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करें. केवल एक ही आठ मुखी रुद्राक्ष पहन सकते हैं एक साथ चौवन रुद्राक्ष भी पहन सकते हैं.
शनि को करेगा शांत
जब किसी व्यक्ति की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही होती है तो उसका जीवन परेशानियों से घिर जाता है, वो व्यक्ति निराशा के दलदल में फंस जाता है. ऐसी स्थिति में रुद्राक्ष का एक खास प्रयोग आपके अंदर आशा की किरण जगाता है. साढ़ेसाती या ढैय्या हो तो गले में रुद्राक्ष की माला धारण करें. यह माला अगर पांच मुखी रुद्राक्ष की हो तो उत्तम होगा. धारण करने के पूर्व इसी माला से शनि और शिव जी का मंत्र जप लें. शनि का अशुभ योग हो तो एक मुखी और ग्यारह मुखी रुद्राक्ष एक साथ धारण करें. इसमें एक , एक मुखी और दो , ग्यारह मुखी रुद्राक्ष रखें. इसको एक साथ लाल धागे में धारण करें.