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Ananda Ashram: कौन हैं 10 साल से समाधि में रहने वाले Ashutosh Maharaj, जिनको वापस लाने के लिए शिष्या Ashutoshambari ने भी ली समाधि

Ashutosh Maharaj News: लखनऊ में जानकीपुरम के पास सीतापुर रोड पर आनंद आश्रम है. दिव्य ज्योति जागृत संस्थान के संस्थापक आशुतोष महाराज पिछले 10 साल से समाधि में हैं. अब उनकी शिष्या मां आशुतोषांबरी ने समाधि ली है. संस्था से जुड़े लोगों का कहना है कि मां आशुतोषांबरी ने आशुतोष महाराज को समाधि से वापस लाने के लिए समाधि ली है.

Ashutosh Maharaj Ashutosh Maharaj

दिव्य ज्योति जागृत संस्थान के संस्थापक आशुतोष महाराज (Ashutosh Maharaj) को लेकर दावा किया जा रहा है कि वो पिछले 10 सालों से समाधि में हैं. अब उनकी शिष्या मां आशुतोषांबरी ने भी समाधि ले ली है. महामंडलेश्वर और बाबा महादेव ने आरोप लगाया है कि दिव्य ज्योति जागृत संस्थान (Divya Jyoti Jagriti Sansthan) वालों ने आशुतोष महाराज के शरीर को डीप फ्रीजर में कैद करके रखा है, ताकि वो समाधि से बाहर ना आ सकें. इसलिए आशुतोष महाराज ने अपनी शिष्या को आंतरिक संदेश भेजा है और कहा कि वो उन्हें समाधि से वापस ले जाएं. क्योंकि इन लोगों ने उनको डीप फ्रीजर में कैद कर दिया है, इसलिए मैं वापस नहीं आ पा रहा हूं. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या आज तक किसी को समाधि की स्थिति में डीप फ्रीजर में रखा गया है.

गुरू को वापस लाने के लिए आशुतोषांबरी ने भी ली समाधि-
दिव्य ज्योति जागृत संस्थान से जुड़े ब्रह्मर्षि जमदग्नि ने कहा कि उनकी गुरु मां आशुतोषांबरी ने सभी शिष्यों को बताकर जीते जी 28 जनवरी को सभी के सामने समाधि ली थी, ताकि वह अपने गुरु आशुतोष महाराज को समाधि से जगा कर वापस भौतिक शरीर में वापस लाकर उनकी चेतना जागृत करा सकें. आपको बता दें कि आशुतोष महाराजा पिछले 10 सालों से समाधि में हैं.

आशुतोष महाराज ने आशुतोषांबरी को भेजा था संदेश-
शिष्य जमदग्नि ने बताया कि उनकी गुरु मां आशुतोषांबरी को ध्यान अवस्था में आशुतोष महाराज का संदेश मिला था, जिनमें वह कह रहे थे कि उनकी शिष्य आशुतोषांबरी उन्हें समाधि में आकर जगाए, ताकि वह वापस भौतिक शरीर में वापस आ सकें. जब शिष्य जमदग्नि से पूछा गया कि क्या आशुतोष महाराज खुद से भौतिक शरीर में आने में सक्षम नहीं हैं. तो जमदग्नि ने कहा कि गुरु को शिष्य ही उठाता है. 

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सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट में PIL दाखिल-
स्वामी आदि शंकरा नंद ने बताया कि उन लोगों ने हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल की है और समाधि में गईं गुरु मां की सुरक्षा का इंतजाम करने की मांग की गई है. उन्होंने बताया कि डॉक्टरों की टीम आई थी. उन्होंने जांच की है. गुरु मां के पल्स और हार्ट बीट नहीं चल रही है. लेकिन डॉक्टर और विज्ञान इस बात से हैरान है कि जब उन्होंने ईसीजी किया तो उनको हलचल महसूस हुई. और अब हम लोगों ने ईजीजी की जांच के लिए प्रशाशन से कहा है. स्वामी आदि शंकरा नंद ने बताया कि हम लोगों ने डॉक्टर को नहीं बुलाया था. उनको प्रशासन ने भेजा था.

कौन हैं आशुतोष महाराज और साध्वी आशुतोषांबरी-
आशुतोष महाराज दिव्य ज्योति जागृत संस्थान के संस्थापक हैं. वो पिछले 10 साल से समाधि में हैं. उन्होंने साल 1983 में जालंधर के नूर महल में इस संस्थान की नींव रखी थी. देशभर में इस संस्थान के 350 आश्रम हैं. विदेश में भी इस संस्थान के कई आश्रम हैं. दिसंबर 2009 में लुधियाना में सिख समूहों और आशुतोष महाराज के कुछ शिष्यों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. उसके बाद केंद्र सरकार ने आशुतोष महाराज को जेड प्लास सुरक्षा मुहैया कराई थी. हालांकि बाद में उनकी सुरक्षा जेड श्रेणी की कर दी गई थी.

साध्वी आशुतोषांबरी का जन्म बिहार में हुआ. उन्होंने दिल्ली के आश्रम में दीक्षा ली. उसके बाद वो लखनऊ के आनंद आश्रम में आ गईं.
(लखनऊ से सत्यम मिश्रा की रिपोर्ट)

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