पौष महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को सफला एकादशी कहा जाता है. सनातन धर्म में एकादशी का बहुत महत्व है. इस दिन श्रीनारायण भगवान की पूजा होती है और व्रत रखा जाता है. एकादशी तिथि भगवान विष्णु को बहुत ही प्रिय है. मान्यता है कि 5 हजार साल तक व्रत करने से जो फल मिलता है, उतना फल सिर्फ सफला एकादशी का व्रत करने मिल जाता है. सभी व्रतों में एकादशी व्रत को श्रेष्ठ माना जाता है. इस व्रत को करने वाले भक्तों पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है. व्रत करने वाले व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष मिलता है.
कब है सफला एकादशी-
सफला एकादशी 19 दिसंबर को पड़ रही है. 19 दिसंबर को सोमवार का दिन है. इस दिन तड़के 03 बजकर 32 मिनट से एकादशी शुरू होगी और अगले दिन 20 दिसंबर मंगलवार को तड़के 02 बजकर 32 मिनट तक मान्य रहेगी. इस तरह से उदयातिथि के आधार पर सफला एकादशी व्रत 19 दिसंबर को रखा जाएगा. 20 दिसंबर को पारण का समय सुबह 8 बजकर 05 मिनट से लेकर 9 बजकर 13 मिनट तक है. इस समय के बीच पारण कर लेना चाहिए.
सफला एकादशी पर पूजा विधि-
सफला एकादशी का व्रत रखने वालों को पूजा विधि के बारे में जानना जरूरी है. अगर विधि-विधान से पूजा की जाती है तो उसका फल और भी ज्यादा मिलता है. तो चलिए आपको बताते हैं कि सफला एकादशी की पूजा विधि क्या है.
एकादशी व्रत के लिए पूजा सामग्री-
सफला एकादशी पर विधि-विधान से पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती हैं. इसके साथ ही ये भी जरूरी है कि भगवान विष्णु की पूजा की सामग्री क्या होती है. सफला एकादशी पर पूजा में क्या-क्या शामिल किया जाना चाहिए. तो चलिए आपको बतात हैं कि एकादशी व्रत पूजा सामग्री की लिस्ट क्या होनी चाहिए.
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