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Sapt Puri: आखिर कौन सी हैं वो सप्तपुरियां... जहां जाने को देवगण भी रहते हैं लालायित... इन शहरों की यात्रा करने से इंसान को मिलता है मोक्ष

Sapt Puri Cities of India: हमारे देश में सात ऐसे पवित्र शहर हैं, जिन्हें मोक्ष प्राप्ति का तीर्थस्थल कहा जाता है. इन शहरों का संबंध देवी-देवाताओं से हैं. इन सातों शहरों को सप्तपुरी के नाम से भी जाना जाता है. आइए आज सप्तपुरी के बारे में जानते हैं.

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हाइलाइट्स
  • सप्तपुरी में भारत के 7 पवित्र शहर हैं शामिल 

  • इन शहरों को मोक्ष प्राप्ति का कहा जाता है तीर्थस्थल 

सनातन धर्म में जीवन का अंतिम लक्ष्य मोक्ष माना गाया है. हर प्राणी मोक्ष पाना चाहता है. इसके लिए शास्त्रों में तमाम साधन बताए गए हैं. उन साधनों के साथ साथ सात पुरों का भी जिक्र किया गया है, जिनको हम सप्तपुरी कहते हैं. देवों से जुड़ी ये नगरियां मोक्ष का द्वार मानी जाती हैं. आइए जानते हैं आखिर कौन सी हैं वो सप्तपुरियां, जहां जाने को देवगण भी लालायित रहते हैं.

1. अयोध्या: सप्तपुरियों में पहला नाम अयोध्या का मिलता है. भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या सरयू नदी के तट पर बसी है. मान्यता है कि यही अयोध्या महाराजा मनु द्वारा बसाई गई पहली नगरी थी, जहां आज श्री राम का प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है. अयोध्या को तृप्त कर सरयू आगे मां गंगा में विलीन हो जाती हैं. कई धार्मिक ग्रंथों में अयोध्या शहर का उल्लेख किया गया है.

2. मथुरा: दूसरी सप्तपुरी मथुरा है. इसे भगवान कृष्ण का जन्म स्थान माना जाता है. यहां द्वापर के भगवान श्रीकृष्ण की लीला का दर्शन मिलता है, जिससे ये धाम मोक्षनगरी बन जाता है. मथुरा में कई मंदिर हैं. भगवान कृष्ण ने मथुरा, वृंदावन और गोवर्धन में अपना बचपन बिताया था. मां यमुना मथुरा को सप्त पुरियों में एक बनाती हैं.

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3. हरिद्वार: गंगा के किनारे बसे हरिद्वार जिसे भगवान के घर यानी हरि के द्वार का प्रवेश माना जाता है, सप्तपुरी शहरों में एक है. उत्तराखंड के इस शहर में हर 12 साल में कुंभ मेला लगता है. यह कैलाश पर्वत तक पहुंचने के लिए चार धाम यात्रा का प्रारंभिक बिंदु भी है. यह भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है.

4. काशी: यहां के घट-घट में बसते हैं बाबा अविनाशी. मान्यता है कि बाबा विश्वनाथ की नगरी शिव के त्रिशूल पर टिकी है. काशी को भी सप्त पुरियों में एक माना गया है. मान्यता है कि यहां भगवान शंकर प्राण त्यागने वाले को तारक मंत्र देते हैं इसीलिए इस नगरी को मोक्ष नगरी कहा जाता है. गंगा नदी के तट पर स्थित वाराणसी को भारत के सबसे पुराने शहरों में गिना जाता है. इस शहर में कई मंदिर हैं. काशी विश्वनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. 

5. कांचीपुरम: सप्तपुरियों में से एक पुरी दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य में है. इसे भगवान ब्रह्मा की नगरी कहते हैं, जिसे कांचीपुरम कहा गया है. पलार नदी के तट पर स्थित ये धर्म नगरी न केवल आस्था का केंद्र रही है बल्कि धार्मिक शिक्षा का भी केंद्र रहा है. कांचीपुरम में कई मंदिर मौजूद हैं, जिसकी वजह से ये हिंदुओं के लिए एक पवित्र स्थान बना हुआ है. यह शहर दक्षिण भारत में कामाक्षी अम्मन मंदिर और कांचीवरम सिल्क के लिए प्रसिद्ध है. वरदराज पेरुमल मंदिर, एकंबरेश्वर मंदिर आदि कांचीपुरम के कुछ लोकप्रिय मंदिर हैं.

6. उज्जैन: शिप्रा के तट पर बसी भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन को भी सप्तपुरियों में एक माना गया है. मान्यता है कि इस धाम में जो भी भगवान महाकाल, भगवान भैरव और मां हिरसिद्धी के दर्शन करता है उसके सारे पाप कट जाते हैं और वो मोक्ष का भागी बन जाता है.  शास्त्रों के मुताबिक उज्जैन की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी. इसे मंदिरों का शहर भी कहा जाता है.

7. द्वारका: विष्णु पुराण और हरिवंश पुराण में द्वारका को केशव की नगरी कहा गया है, जो हिंदुओं के पवित्र चार धाम में से एक है. मान्यता है कि मोक्षदायिनी द्वारका को माधव ने  मथुरा छोड़ने के बाद अपनी राजधानी बनाया था, जहां जाकर प्राणी जन्म जन्मांतर के बंधनों से मुक्त हो जाता है. द्वारका से भगवान कृष्ण के जीवन की कई कहानियां जुड़ी हुई हैं. द्वारका सप्तपुरियों में से एक है.