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Sawan Somwar: आज से शुरू हुआ सावन...इस बार 2 दशक बाद बन रहा ऐसा संयोग, जानिए किन मायनों में है खास

इस बार सावन की शुरुआत मंगलवार से हो रही है. मान्यता है कि मंगला गौरी व्रत करने से जीवन में सुख-समृद्धि के साथ वैवाहिक सुख आता है. इस बार सावन का महीना 2 महीने तक रहने वाला है. जों कि 4 जुलाई से आरंभ होकर 31 अगस्त को समाप्त होगा. इस साल सावन मास में 19 साल बाद दुर्लभ संयोग बन रहे हैं.

सावन सोमवार सावन सोमवार

भोलेनाथ की आराधना के लिए माना जाने वाला सबसे बढ़िया सावन मास आज से शुरू हो चुका है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन का महीना हिंदू धर्म में शिव भक्ति के लिए और भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सबसे बढ़िया रहता है. इस बार सावन की शुरुआत मंगलवार से हो रही है. मंगलवार को मां पार्वती को समर्पित मंगला गौरी व्रत रखा जाता है.

क्यों है खास?
ऐसे में आज के दिन भोलेनाथ के साथ मां पार्वती की कृपा पाने के लिए खास माना जा रहा है. मान्यता है कि मंगला गौरी व्रत करने से जीवन में सुख-समृद्धि के साथ वैवाहिक सुख आता है. सावन के पहले दिन इंद्र और त्रिपुष्कर योग बन रहा है. आज दिन में सुबह 11 बजकर 49 मिनट तक इंद्र योग और बाद में वैधृति योग लग जाएगा. माना जाता है कि इस योग में अगर कोई सरकारी काम किया जाए तो उसमें सफलता मिलती है. इसके अलावा दोपहर में 1 बजकर 38 मिनट से त्रिपुष्कर योग शुरू होगा जोकि 5 जुलाई सुबह 5 बजकर 28 मिनट तक रहेगा. इस योग में जो भी कार्य किए जाते हैं उसका दोगुना फल प्राप्त होता है.

19 साल बाद शुभ संयोग
इस बार सावन का महीना 2 महीने तक रहने वाला है. जों कि 4 जुलाई से आरंभ होकर 31 अगस्त को समाप्त होगा. इस साल सावन मास में 19 साल बाद दुर्लभ संयोग बन रहे हैं. जिसके कारण इस साल 59 दिवसीय सावन मास रहने वाला है. मतलब की इस साल 59 दिवसीय सावन मास होने के कारण भगवान शिव की आराधना 2 महीने की जा सकती है. इस साल पवित्र अधिकमास 1 माह बढ़ जाने के कारण इस साल पवित्र सावन मास 59 दिवसीय हो गया है. यानि हर सावन में चार या पांच सोमवार पड़ते हैं. लेकिन इस बार सावन में आठ सोमवार पड़ेंगे और ऐसा शुभ संयोग 19 साल बाद बन रहा है. सावन के माह में भगवान शिव का जलाभिषेक, अभिषेक और रुद्राभिषेक करने से 100 गुना अधिक फल प्राप्त होता है.

क्यों शिव जी को है सबसे प्रिय
इस माह को श्रावण के नाम से भी जाना जाता है. श्रावण का महीना भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना होता है. मान्यता है कि सावन के महीने ही मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था जिससे भगवान शिव ने प्रसन्न होकर मां पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. सावन के महीने में शिवलिंग का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक का विशेष महत्व होता है. पूरे सावन महीने के दौरान हर दिन शिवजी की पूजा-उपासना करने पर सभी तरह की मनोकामना जल्दी पूरी होती हैं. सावन के महीने में सोमवार व्रत, मासिक शिवरात्रि और कांवड़ यात्रा का विशेष महत्व होता है.