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सावन माह में हर मंगलवार को रखें मां गौर का व्रत, घर में बढ़ेगी सुख-समृद्धि

सावन के महीने में भगवान शिव अलावा माता गौरी का मंगला व्रत मंगलवार को करना चाहिए. मंगलवार को माता मंगला का व्रत विधि विधान से करने पर परिवार में सुख-समृद्धि के साथ ही दाम्पत्य जीवन में सुख-शांति आती है.

Mangala Gauri Vrat Mangala Gauri Vrat
हाइलाइट्स
  • मां गौरी का व्रत रखने पर परिवार में रहती है सुख-शांति

  • मंगलवार को रखा जाता है मां मंगला का व्रत

सावन के महीने में भगवान शिव की उपासना और व्रत करने से उनकी कृपा हमेशा परिवार पर बनी रहती है. इसके साथ ही सावन के महीने के हर सोमवार को भगवान शिव का व्रत रखने पर हमारी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. सावन के महीने में भगवान शिव के साथ ही मां गौरी की उपासना और व्रत रखने पर परिवार के साथ ही दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि आती है. सावन महिने में भगवान शिव के साथ ही मां गौरी की उपासना करने पर परिवार में दोगुनी गति से सुख-समृद्धि बढ़ती है. हम यहां बता रहे हैं कि सावन माह में माता गौरी का किस तरह से उपासना करनी चाहिए. जिससे आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी. 

मां गौरी की व्रत करने के लाभ 
मां गौरी का ही एक दूसरा रूम मां मंगला है. मां मंगला को मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी के रूप में भी जाना जाता है. वहीं सावन माह में मां मंगला का व्रत रखने पर दाम्पत्य जीवन में प्रेम संबंध बढ़ने के साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि भी आती है. इसके साथ ही संतान प्राप्ति की कामना रखने वालों के मां मंगला का व्रत काफी फलदायी होता है. 
 
ऐसे रखें माता गौरी का व्रत 
सावन माह में माता गौरी का व्रत करने के लिए आपको सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र को धारण करें. इसके बाद मंदिर की साफ सफाई करके चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर माँ गौरी की मूर्ति स्थापित करें. इसके बाद माता गौरी के सामने व्रत के संकल्प लें. इसके बाद माता के सामने आटे से बना हुआ दीपक जलाए. 

माता गौरी की पूजा सामग्री 
माता गौरी की पूजा के दौरान सामग्री बेहद महत्वपूर्ण होती है. माता गौरी की पूजा के दौरान करीब 16 सामग्रियां लगती है जैसे- पान, सुपारी, लौंग, इलायची, सुपारी, फल, पान, लड्डू, सुहाग की सामग्री और चूड़ियां आदि. वहीं इस व्रत के एक बार अन्न ग्रहण करने का प्रावधान है. माता गौरी का मंगला व्रत करने पर हमारी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. वहीं विवाह योग्य  यह व्रत करने पर मनचाहे वर की प्राप्ति होती है.