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Sawan: सावन का पहला सोमवार आज, शिवलिंग पर इन चीजों को चढ़ाने से नाराज हो जाते हैं भोलेनाथ

Sawan Somwar 2022: आज सावन का पहला सोमवार है. देशभर के मंदिरों में शिव भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. भक्त एक बार अपने आराध्य भोलेनाथ के दर्शन करना चाहते हैं. धर्म ग्रंथों के मुताबिक सोमवार का दिन भोलेनाथ को समर्पित है.

भगवान शंकर भगवान शंकर
हाइलाइट्स
  • सावन का पहला सोमवार आज

  • शिव मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़

सावन का पहला सोमवार आज 18 जुलाई को है. सावन में सोमवार का महत्व बढ़ जाता है. सोमवार के दिन भगवान शंकर की विशेष कृपा होती है. माना जाता है कि सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को बहुत पसंद है. अगर सच्चे मन से भोले बाबा की पूजा करते हैं तो हर दुख दूर होता है. लेकिन सावन में कुछ चीजों की सख्त मनाही है. 

शिवलिंग पर इन चीजों को चढ़ाने की मनाही-
भगवान शंकर की पूजा में भूलकर भी इन चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से भोले नाथ नाराज हो जाते हैं. चलिए आपको बताते हैं कि किन चीजों को सावन में भगवान भोलेनाथ को नहीं चढ़ाना चाहिए.

सिंदूर नहीं होना चाहिए-
भगवान भोलेनाथ को बैरागी कहा जाता है. इसलिए पूजा की थाली में सिंदूर और कुमकुम रखने की सख्त मनाही है. इनको भूलकर भी पूजा की थाली में नहीं रखना चाहिए. अगर ऐसा किया जाता है तो इसके नुकसान हो सकते हैं. भगवान भोलेनाथ नाराज हो सकते हैं. 

हल्दी नहीं रखना चाहिए-
हल्दी को खुशहाली का प्रतीक माना जाता है. देवताओं की पूजा में इसे जरूर रखा जाता है. लेकिन भोलेनाथ की पूजा में भूलकर भी इसे ना रखें. भगवान भोलेनाथ बैरागी हैं. उनको सजावट की कोई चीज पसंद नहीं है.

शंख बजाने पर पाबंदी-
भगवान शिव ने त्रिशूल से शंखचूड़ का वध किया था और माना जाता है कि उसकी राख से शंख की उत्पत्ति हुई थी. इसलिए महादेव के सामने शंख बजाना वर्जित होता है. 

तुलसी के पत्ते चढ़ाने की मनाही-
भोलेनाथ से जुड़ी एक कथा के मुताबिक भगवान शंकर ने तुलसी के पति जालंधर का वध किया था. जिससे तुलसी भगवान शिव से नाराज हो गईं और श्राप दिया कि अगर कोई भक्त शिव पूजा की थाली में तुलसी का इस्तेमाल करेगा तो उनका नुकसान होगा. इसी वजह से भगवान भोलेनाथ की पूजा में तुलसी का इस्तेमाल नहीं होता है.

केवड़े और केतकी के फूल का इस्तेमाल नहीं-
भगवान भोलेनाथ की पूजा में केवड़े और केतकी के पुष्प का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. धर्म के मुताबिक भगवान शिव से ब्रह्मा ने झूठ बोला था. इस काम में देवी केतकी ने भी साथ दिया था. इससे नाराज भोलेनाथ ने श्राप दे दिया था कि उनकी पूजा की थाली में केतकी का फूल ना चढ़ाया जाए. 

नारियल पानी चढ़ाने की मनाही-
भगवान शिव को जलाभिषेक में नारियल के पानी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. धर्म ग्रंथों के मुताबिक नारियल पानी चढ़ाने की सख्त मनाही है.

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