कहते हैं शनिदेव जीवन में हर तरह के शुभ-अशुभ कर्मों का हिसाब रखते हैं और उसी के मुताबिक फल देते हैं. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो इंसान को दरिद्र या धनवान बनाना शनि देव के ही हाथ में है. क्योंकि इंसान के कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं शनि. अगर आप कुछ विशेष कर्मों पर ध्यान दें. तो शनि स्वयं बनाएंगे आपको धनी. अगर आप शुभ कर्म करते हैं. न्याय प्रिय हैं. सच्चे हैं तो कुंडली के बुरे योग भी आपका बाल बांका नहीं कर सकते. कुंडली में शनि की स्थिति से ही धन की स्थिति तय होती है. कभी शनि विशेष धन लाभ करवाते हैं तो कभी बेवजह पैसों का नुकसान भी करवाते हैं. इसलिए आर्थिक मज़बूती के लिए कर्मों के साथ-साथ कुंडली में शनि की स्थिति पर भी ध्यान देना ज़रूरी है.
शनि देव का क्या है आर्थिक समृद्धि से नाता
शनि जीवन में हर प्रकार के शुभ अशुभ कर्मों का कारक और फलदाता होता है. कर्मों के अनुसार आप धनवान होंगे या दरिद्र , ये निर्धारण शनि देव करते हैं. शनि की विशेष स्थितियों से धन की प्राप्ति सरल हो सकती है और कठिन भी. शनि की महादशा 19 वर्ष तक चलती है, नकारात्मक प्रभाव होने पर शनि लम्बे समय तक धन के लिए कष्ट देने लगता है. शनि नकारात्मक हो तो साढ़े साती या ढैया में घोर दरिद्रता देता है. कुंडली में बेहतर योग होने के बावजूद अगर कर्म शुभ न हों तो शनि धन की खूब हानि करवाता है. शनि के क्रोध से कोई नहीं बचा है. शनिदेव पापीयों के लिए कष्टकारक हैं. शनि की टेढ़ी नज़र जिस इंसान पर पड़ती है उसका जीवन कष्टों से भर जाता है.
इन खास कामों से प्रसन्न होंगे शनि
कुछ छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर शनि को प्रसन्न किया जा सकता है. ये वो कुछ कर्म है जिनको अपनाने के बाद शनि आपसे हमेशा प्रसन्न रहेंगे. क्योंकि ये वो कर्म जिनको शनिदेव पसंद करते हैं. ऐसे कर्म करने वालों पर उनकी कृपा बनी रहती है. उत्तम फल पाने के लिए उत्तम कर्म करना भी ज़रूरी है, क्योंकि शनिदेव मेहनत करने से ही कामयाबी देते हैं.