
महाराष्ट्र के मशहूर श्री शनेश्वर देवस्थान शनि शिंगणापुर मंदिर में भगवान शनि को सिर्फ ब्रांडेड तेल ही चढ़ाया जाएगा. यह निर्णय श्री शनेश्वर देवस्थान शनि शिंगनापुर के ट्रसट और ग्रामसभा ने संयुक्त रूप से लिया. श्री शनेश्वर देवस्थान शनि शिंगणापुर के ट्रस्ट ने कहा कि यह फैसला 1 मार्च 2025 से लागू किया जाएगा.
शनि शिंगणापुर मंदिर में शनिदेव की मूर्ति पर तेल चढ़ाने की परंपरा है. मंदिर के ट्रस्ट का कहना है कि चढ़ाए जा रहे मिलावटी तेल के कारण मूर्ति पर नुकसान हो रहा है. इसलिए यह निर्णय लिया गया है. इस फैसले के बारे में दुकानदारों को भी सूचित कर दिया है.
तेल की क्वालिटी की कराई जा सकती है जांच
यह भी कहा गया है कि अगर मंदिर समिति को भक्तों के लाए गए तेल पर संदेह है, तो इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा और इसे भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को जांच के लिए दिया जाएगा. मंदिर समिति के फैसले का भक्तों ने स्वागत किया है.
इस फैसले के पीछे का उद्देश्य शनिदेव की शिला के क्षरण को रोकना है. मिलावटी तेल में पैराफिन जैसे तत्व होते हैं जो इसे नुकसान पहुंचा सकते हैं. मंदिर में तेल चढ़ाने की परंपरा सैकड़ों सालों से चली आ रही है और इसके कारण शिला की संरचना प्रभाविच होने लगी है.
लोगों ने फैसले को स्वीकारा
लोगों ने ट्रस्ट के फैसले पर सहमति दी है. ग्रामीणों का कहना है कि यह एक अच्छा निर्णय है. भगवान शनि की मूर्ति का क्षरण अब रुक जाएगा. अहिल्यानगर के तालुक नैवासा में श्री शनेश्वर देवस्थान शनि शिंगणापुर देश-दुनिया में असंख्य भक्तों के बीच प्रसिद्ध है. इसके अविश्वसनीय चमत्कारों की संख्या को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में गौरवपूर्ण स्थान मिलता है.