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Shiv Katha Gujarat: एक साथ एक ही जगह पर 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन, गुजरात के कच्छ में सबसे बड़ी शिव कथा का आयोजन

इस शिव कथा में 12 ज्योतिर्लिंग मुख्य आकर्षण बन चुके हैं. 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन में दर्शनार्थी सोमनाथ, श्री त्र्यंबकेश्वर, श्री वैद्यनाथ, श्री मल्लिकार्जुन, श्री भीमाशंकर, श्री काशी विश्वनाथ, ओंकारेश्वर, श्री केदारनाथ, श्री नागेश्वर, श्री रामेश्वर, श्री महाकालेश्वर, श्री ध्रुश्लेश्वर मंदिर के साक्षात् दर्शन कर सकेंगे.

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हाइलाइट्स
  • लोकगायक का कार्यक्रम भी रखा गया है

  • भारत में पहली बार इतना बड़ा कथा सेट

गुजरात में महाशिव कथा का आयोजन कच्छ के मांडवी तहसील के फरादी गांव में किया गया है. यह कथा 4 मार्च से 10 मार्च तक चलेगी, महाकथा कथा वाचक गिरिबापू की उपस्थिति में आयोजित की गई है. इस शिव कथा में 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन बेहद खूबसूरत तरीके से कर सकेंगे. 12 ज्योतिर्लिंगों की मूल प्रतिकृतियों जैसा का एक भव्य सेट बनाया गया है. कथा के पहले दिन ही शिव भक्त के दर्शन के लिए उमड़ पड़े हैं, इस महाशिव कथा का आयोजन मणिशंकर वीरजी पेठानी परिवार ने किया है.

लोकगायक का कार्यक्रम भी रखा गया है

फरादी गांव में गिरिबापू के भव्य महा कथा को कई कार्यक्रमों के साथ एक सप्ताह तक विविधताओं भरी रहेगी. इस बीच गुजरात और दूसरे राज्यों से अन्य भजन और शिव आराधना गाने वाले लोकगायक का कार्यक्रम भी रखा गया है.

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इस शिव कथा में जिस तरह से सभी 12 ज्योतिर्लिंग के हुबहू मंदिर बनाए गए हैं, वह कथा के मुख्य आकर्षण बन चुके हैं. 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन में दर्शनार्थी सोमनाथ, श्री त्र्यंबकेश्वर, श्री वैद्यनाथ, श्री मल्लिकार्जुन, श्री भीमाशंकर, श्री काशी विश्वनाथ, ओंकारेश्वर, श्री केदारनाथ, श्री नागेश्वर, श्री रामेश्वर, श्री महाकालेश्वर, श्री ध्रुश्लेश्वर मंदिर के साक्षात् दर्शन कर सकेंगे. कथा शुरू होने साथ ही दर्शनार्थी दर्शन कर रहे हैं. इस आयोजन में बुजुर्गों और बच्चों तकलीफ ना हो इसलिए विशेष बैटरी चालित वाहनों की भी व्यवस्था की गई है.

भारत में पहली बार इतना बड़ा कथा सेट

ये भारत की पहली ऐसी कथा है, जिसमें इतना बड़ा सेट बनाया गया है, और एक साथ इतने सारे ज्योतिर्लिंग के दर्शन भी लोग कर पाएंगे. आयोजकों का कहना है कि हर दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु आएंगे.आशा है कि ज्यादा से ज्यादा एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु कथा सुनने आएंगे. शिव विवाह आयोजन के लिए 1200×1000 फीट का कथा मंडप बनाया गया है. कथा का समय प्रतिदिन दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक होगा तथा कथा के अंतिम दिन अर्थात 10वीं कथा का समय प्रातः 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक है.

(कौशिक कंथेचा की रिपोर्ट)