अयोध्या में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर में सात महीने बीत चुके हैं. इस बीच श्रीराम ट्रस्ट ने अब तक मंदिर के निर्माण कार्य में होने वाले व्यय का लेखा जोखा सार्वजनिक किया है. ट्रस्ट ने आने वाले समय में मंदिर पूरा होने तक का अनुमानित व्यय और प्राण प्रतिष्ठा समारोह की व्यवस्था में हुए खर्च का ब्योरा भी दिया है.
अयोध्या में ट्रस्ट की बैठक में सभी सदस्यों के साथ ये जानकारियां साझा की गई हैं. इसके अनुसार अब तक 540 करोड़ रुपए मुख्य मंदिर के निर्माण कार्य में खर्च हो चुके हैं तो वहीं आगे के मंदिर और अन्य निर्माण के लिए करीब 850 करोड़ रुपए का अनुमानित व्यय होगा. इधर मंदिर में रामलला के भक्त भी दिल खोल कर दान कर रहे हैं.
मंदिर और अन्य निर्माण पर खर्च 540 करोड़ तो व्यवस्था पर 776 करोड़
अयोध्या में बन रहे रामलला के भव्य मंदिर का प्रथम चरण पूरा हो चुका है. 22 जनवरी 2024 को प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में बालक राम मंदिर में विराजमान हो चुके हैं. इस बीच श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण का लेखा जोखा ट्रस्ट के सदस्यों के सामने बैठक में रखा है.
ट्रस्ट के अनुसार अब तक राम मंदिर के निर्माण में 540 करोड़ रुपए खर्च जो चुके हैं. ये सिर्फ मंदिर निर्माण का खर्च है. हालांकि इस बात का भी ब्योरा दिया गया है कि मंदिर में अब तक की पूरी व्यवस्था में भी बड़ा खर्च हुआ है. इस बात का विवरण दिया गया है कि अब तक व्यवस्थाओं पर 776 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. मंदिर में लाइटिंग, सुरक्षा और दूसरे रखरखाव पर अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार व्यवस्था की गई है. पावर स्टेशन और बड़ा यात्री सुविधा केन्द्र वो सुविधाएं हैं जिसपर व्यय हुआ है.
रामलला के भक्त दे रहे हैं दिल खोलकर दान
ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण और अन्य खर्चों के साथ ट्रस्ट को होने वाली आय का विवरण सभी सदस्यों के सामने रखा. श्रीरामलला के भक्तों ने दिल खोल कर दान दिया है. 20 किलो सोना और 13 क्विंटल चांदी भक्तों ने अर्पित की है. सोने चांदी की शुद्धता की जांच नियमानुसार की जाएगी. सितंबर में भारत सरकार मिंट (security, printing and minting corporation of India Limited) दान में मिले सोना चांदी की जांच करेगा. हैदराबाद स्थित टकसाल में इनको गलाने का काम ट्रस्ट के दो नामित सदस्यों के सामने मिंट द्वारा किया जाएगा.
भक्तों ने काउंटर पर 53 करोड़ अर्पित किए तो दानपात्र में चढ़ाया 24 करोड़ 50 लाख
श्रीराम ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने ब्योरा देते हुए बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-2024 में मंदिर के काउंटर पर जा कर 53 करोड़ रुपए दान दिए. इसमें चेक और कैश से मिली धनराशि है जबकि रामलला के दानपात्र में 24 करोड़ 50 लाख से ज़्यादा की राशि आई है. इसकी गिनती अभी जारी है.
ट्रस्ट ने ऑनलाइन दान की भी जानकारी दी थी. रामलला के भक्तों ने 71 करोड़ रुपए ट्रस्ट के अकाउंट जमा किए हैं. विदेशों से रामलला को दान देने के इच्छुक भक्तों की संख्या को देखते हुए नवम्बर 2023 में श्रीराम ट्रस्ट ने इसके लिये रजिस्ट्रेशन कराया था. इस साल मार्च तक इससे 10 करोड़ 43 लाख रुपए ट्रस्ट के अकाउंट में जमा किए हैं.
ट्रस्ट को खाते में जमा धन पर 204 करोड़ ब्याज मिला
ट्रस्ट ने आय व्यय का विवरण पेश करते हुए ये भी साझा किया है कि मंदिर निर्माण के लिए और अन्य साधनों से श्रीराम ट्रस्ट के बैंक खाते में जो धन जमा है उस पर इस वित्तीय वर्ष में 204 करोड़ रुपये ब्याज मिला है. मंदिर निर्माण के आगे की रणनीति और डिज़ाइन को देखते हुए तेज़ी से काम जारी है. आने वाले समय में मंदिर के निर्माण कार्य पर 670 करोड़ रुपए और अन्य निर्माण कार्यों पर 180 करोड़ ( अनुमानित 850 करोड़) रुपए की धनराशि खर्च होगी.
मार्च 2025 तक दूसरा चरण पूरा होने की उम्मीद है. श्रीराम ट्रस्ट सितंबर महीने में इनकम टैक्स फ़ाइल करेगा. वित्तीय वर्ष 2023-24 में ट्रस्ट की कुल आय 363.34 करोड़ हुई जबकि प्राण प्रतिष्ठा समारोह, निर्माण और अन्य सभी ख़र्चों को मिला कर 676 करोड़ रुपए ट्रस्ट ने व्यय किए.